मुख्यधारा ब्यूरो
यमकेश्वर। क्या आप कभी सोच सकते हैं कि नीचे से खोखली हो चुकी सड़क पर भारी वाहन, गैस से लदे ट्रक के साथ ही छोटे-बड़े सभी तरह के वाहन फर्राटा भर सकते हैं? यदि आपको यकीन न हो तो इसके लिए चले आइए ऋषिकेश से सटी हुई यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विकासखंड यमकेश्वर की ओर और देख लीजिए कि लोग किस तरह नीचे से खोखली हो चुकी सड़क पर वाहनों में आवाजाही कर रहे हैं।
यहां किसी सर्कस के मौत के कुएं या अजूबे की बात नहीं हो रही, बल्कि सौ फीसदी एक जर्जर हो चुकी सड़क की हकीकत है। यह क्षेत्र है पौड़ी गढ़वाल जनपद के यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र का।
जी हां! यदि अभी भी आपको क्षेत्र पहचानने में मुश्किल हो रही है तो आपको बताते चलें कि यह सड़क उसी जनपद मेें हैं, जहां के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत रहने वाले हैं। यह उसी विधानसभा क्षेत्र का ब्लॉक है, जहां उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्य नाथ का गांव हैं। यही नहीं यह क्षेत्र भारतीय जनता पार्टी के मजबूत गढ़ों में शुमार है और पिछले बीस वर्षों से यहां भाजपा के विधायक विधानसभा तक पहुंचते रहे हैं।
वीडियो को दूर से देखकर शायद आप सोच रहे होंगे कि कोई गुफा होगी, लेकन यह कोई गुफा नहीं, बल्कि देहरादून के सबसे नजदीकी पहाड़ी यमकेश्वर ब्लॉक मुख्यालय से मात्र चार सौ मीटर की दूरी पर स्थित मुख्य सड़क है। जो ब्लॉक मुख्यालय व यमकेश्वर के मुख्य स्वास्थ्य केंद्र को पूरे यमकेश्वर क्षेत्र से जोड़ती है। ये सड़क 15 अगस्त 2014 में आई आपदा में क्षतिग्रस्त हो गयी थी। स्थिति यह है कि सड़क अंदर से पूर्ण रूप से खोखली हो चुकी है व केवल ऊपरी परत के सहारे ही यह टिकी हुई है। यह सड़क किसी बड़ी दुर्घटना को न्यौता दे रही है, लेकिन जिम्मेदार हैं कि इस ओर ध्यान देने की जरूरत ही नहीं समझ रहे।
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इस संबंध में क्षेत्र पंचायत सदस्य बूंगा पूर्व सैनिक सुदेश भट्ट बताते हैं कि यमकेश्वर के तमाम अधिकारी कर्मचारी व जनप्रतिनिधि हर रोज इस सड़क से गुजरते हैं, लेकिन कभी भी किसी ने इस सड़क की सुध नहीं ली। इस सड़क से रोजाना बड़े-बड़े भारी वाहन, ट्रक व गैस सिलेंडर से भरे वाहन एवं अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों के वाहन गुजरते हैं। ऐसे में कभी भी यहां कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
जिला पंचायत गुमालगांव बिनोद डबराल ने बताया कि ये सड़क कई सालों से इसी स्थिति में है और ग्रामीण जान जोखिम में डालकर इस पर आवाजाही करने को मजबूर हैं।
ग्राम सभा बिथ्यांणी के प्रधान सत्य प्रसाद बताते हैं कि यदि शीघ्र ही इस समस्या का समाधान नहीं हुआ तो क्षेत्रीय प्रतिनिधि जनांदोलन करने को मजबूर होंगे। जिसकी समस्त जिम्मेदारी स्थानीय प्रतिनिधि, विधायक, सांसद व अधिकारियों की होगी।
बताते चलें कि वर्तमान में यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र से विधायक ऋतु खंडूड़ी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं। वहीं तीरथ सिंह रावत भारतीय जनता पार्टी से गढ़वाल क्षेत्र के सांसद हैं। ऐसे में जब भाजपा सरकार के दौरान भी क्षेत्रों की ऐसी महत्वपूर्ण समस्याओं का समधान नहीं हो पा रहा है तो यह प्रदेश के लिए निराशाजनक ही कहा जाएगा।
मुख्यधारा के जागरूक पाठकों को यह स्ममरण कराना भी जरूरी है कि कुछ समय पूर्व पिथौरागढ़ जनपद में स्थित चीन सीमा को जोडऩे वाले एक जर्जर पुल से भारी ट्रक के गुजरने से वह पुल ट्रक समेत भरभराकर गिर गया था। इससे पहले उत्तरकाशी जिले के सीमांत में स्थित एक जर्जर पुल भी ट्रक समेत भरभराकर गिर गया था। लगता है उपरोक्त दोनों दुर्घटनाओं को शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधि भूल चुके हैं। अगर ऐसा नहीं होता तो इस सड़क पर तत्काल आवाजाही बंद कर इस सड़क को ठीक कर दिया जाता। सवाल यह है कि जब यहां पर कोई हादसा होगा, तब जाकर प्रशासन की नींद खुलेगी!
बहरहाल, अब देखना यह है कि जिम्मेदार लोग कब तक इस ज्वलंत समस्या की सुध ले पाते हैं!