उत्तराखंड मुक्त विवि की एमएजेएमसी की चार दिवसीय अनिवार्य शोध कार्यशाला देहरादून में शुरू

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संचार शोध में विषय चयन से लेकर वैज्ञानिक दृष्टिकोण का महत्वपूर्ण स्थान: प्रो थलेड़ी

  • उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी के दून परिसर में पत्रकारिता एवं मीडिया अध्ययन पर चार दिवसीय कार्यशाला शुरू
  • संचार शोध में मास्टर डिग्री ले रहे छात्र-छात्राओं को विशेषज्ञ दे रहे शोध पर जानकारी

देहरादून/मुख्यधारा

उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी (यूओयू) के पत्रकारिता एवं मीडिया अध्ययन विद्याशाखा के तत्वावधान में दून परिसर में चार दिवसीय अनिवार्य शोध कार्यशाला शुरू हो गई। कार्यशाला में एमएजेएमसी (मास्टर डिग्री) की डिग्री ले रहे छात्र-छात्राओं को विषय विशेषज्ञ शोध कार्य को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी दे रहे हैं।

इस दौरान विशेषज्ञों ने कहा कि संचार शोध में विषय चयन से लेकर वैज्ञानिक दृष्टिकोण और सामाजिक अनुसंधान जरूरी है।

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विश्वविद्यालय के दून परिसर (यूसीएफ भवन) में आयोजित कार्यशाला में बतौर विषय विशेषज्ञ शामिल हुए दूरदर्शन के पूर्व निदेशक एवं सुभारती विश्वविद्यालय में पत्रकारिता के एचओडी प्रो(डॉ) सुभाष थलेड़ी ने कहा कि संचार शोध के तत्व, प्रकार एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण आवश्यक है।

उन्होंने शोध कार्य के लिए विषय चयन, विषय की जिज्ञासा, उद्देश्य का निर्धारण एवं पूर्ववर्ती कार्यों का अध्ययन जरूरी है। उन्होंने शोधार्थियों से कहा कि संचार शोध बहुत बड़ा और गंभीर विषय है। ऐसे में शोध कार्य करते वक्त अनुभव, अध्ययन, साक्षात्कार, तथ्यों का एकत्रीकरण और वर्गीकरण की करना होता है।

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इस दौरान दून यूनिवर्सिटी के डीन प्रो राजेश कुमार ने संचार शोध में विषय का अर्थ, परिभाषा एवं विषय क्षेत्र पर जानकारी दी गई। उन्होंने शोध कार्य में सोशल मीडिया की भूमिका से लेकर प्रभाव पर भी महत्वपूर्ण जानकारी दी। कार्यशाला में डॉ संरचना सचदेवा ने शोध कार्य मे सामाजिक अनुसंधान एवं शोध प्राविधि को लेकर जानकारी दी।

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इस पहले मुक्त विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो (डॉ) राकेश चन्द्र रयाल ने बताया कि पत्रकारिता एवं मीडिया अध्ययन में मास्टर डिग्री ले रहे छात्र छात्राओं के लिए 4 दिवसीय अनिवार्य शोध कार्यशाला का शुभारंभ हो गया है। इस कार्यशाला में अध्ययनरत छात्र छात्राओं को शोध कार्य को लेकर जानकारी दी जा रही है।

इस दौरान प्रो रयाल ने संचार में विषय चयन से लेकर शोध, बोध, क्रोध एवं अवरोध को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी दी है। उन्होंने समाज मे संचार के लिए शोध और संचार के महत्व पर भी जानकारी दी गई।

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विश्वविद्यालय मुख्यालय हल्द्वानी में 28 से कार्यशाला

पत्रकारिता एवं मीडिया अध्ययन विद्याशाखा हल्द्वानी विश्वविद्यालय परिसर के छात्र छात्राओं के लिए 28 अप्रैल से 01 मई तक अनिवार्य शोध कार्यशाला होगी।

इस कार्यशाला में देहरादून में शामिल न हो पाने वाले छात्र छात्राओं को भी मौका मिलेगा। प्रो रयाल बे बताया कि मास्टर डिग्री के अंतिम सेमेस्टर में शोध कार्य के लिए यह कार्यशाला अनिवार्य है।

 

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