ब्रेकिंग: जीएसटी में 8000 करोड़ के फर्जीवाड़े से खिसकी पांव से नीचे की जमीन
देहरादून। उत्तराखण्ड में जीएसटी ई-वे बिल में 8000 करोड़ का फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ है। कर विभाग की 55 टीमों ने ऊधमसिंहनगर की 68 फर्मों सहित कुल 70 फर्मों पर दो माह तक सर्वे व छापेमारी कर फर्जीवाड़ा का खुलासा किया है।
कर आयुक्त सौजन्या ने देहरादून में पत्रकार वार्ता के दौरान स्वीकार किया कि जीएसटी में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। कर आयुक्त के अनुसार 55 टीमों ने 70 व्यापार स्थलों पर सर्वेक्षण कर लगभग 8000 करोड़ का फजीवाड़ा पकड़ा है। विभाग को कुछ माह से सूचनाएं मिल रही थी कि उत्तराखण्ड में कुछ लोग जीएसटी के तहत फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन कराकर करोड़ों रुपए का कारोबार ई-वे बिल के माध्यम से कर रहे हैं।
गोपनीय जांच में पता चला कि 70 फर्मों ने राज्य के भीतर और बाहर दो माह में 8000 करोड़ के ई-वे बिल बनाए गए हैं। गहनता से जांच करने पर प्रकाश में आया कि 70 में से 34 फर्में दिल्ली से मशीनरी और कंपाउंड दाना की खरीद के ई-वे बिल बना रही थी, जिनका मूल्य लगभग 1200 करोड़ है। तत्पश्चात उन फर्मों द्वारा आपस में ही खरीद और बिक्री के साथ-साथ राज्य से बाहर की फर्मों को भी खरीद और बिक्री दिखाई जा रही थी।
अपर आयुक्त विपिन चंद्रा का कहना था कि वे बिल्स का वास्तविक मूल्य को १२०० करोड़ है, जिसमें वे बिल के माध्यम से मूल्यवद्र्धन करते हुए धनराशि 8000 करोड़ तक पहुंच जाती है।