देहरादूून। साध्वी पदमावती के मामले में उत्तराखंड महिला मंच ने मंगलवार को प्रदेश सरकार के खिलाफ जोरदार हल्ला बोला। इस मामले में त्वरित कार्रवाई कर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। साथ ही शामिल चिकित्सक को बर्खास्त करने की भी मांग उठाई।
मंगलवार को महिला मंच की कार्यकर्ता जिलाधिकारी कार्यालय पहुंची। यहां प्रदेश सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। साथ ही डीएम को अपनी मांगों का एक ज्ञापन भी सौंपा।
महिला कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मंच की प्रदेश संयोजक कमला पंत ने कहा कि गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिए अनशन पर बैठी साध्वी पदमावती को पुलिस बल ने जबरन उठाया है। बाद में उन्हें दून अस्पताल में भर्ती कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि अस्पताल में स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान चिकित्सक ने एक साजिश के तहत साध्वी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महिलाओं का ऐसा अपमान प्रदेश में महिला मंच किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि इतना सब कुछ हो जाने के बाद भी चिकित्सक की हरकत पर अभी तक शासन प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिसे लेकर महिलाओं में भारी रोष व्याप्त है।
कमला पंत ने कहा कि यह बेहद दुख का विषय है कि मुजफ्फरनगर कांड के अपराधियों को सजा दिलाने के लिए सरकार में जरा भी संवेदनशीलता नहीं है। यही कारण है कि सत्ताशीन शासक दलों से प्रदेश की महिलाओं का विश्वास उठता जा रहा है। अगर सरकार महिलाओं की मांग पर जल्द कार्रवाई नहीं करती है तो वह बड़े आंदोलन के लिए मजबूर हो जाएंगी।
उन्होंने मांग की है कि साध्वी पदमावती पर झूठा आरोप लगाने वाले चिकित्सक को शीघ्र बर्खास्त किया जाए। मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को जल्द सजा दिलाई जाए। महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाए।
प्रदर्शन में मंच की जिला संयोजक निर्मला बिष्ट, शांति सेमवाल, कमलेश्वरी बडोला, पदमा गुप्ता, कली नेगी, मातेश्वरी पंवार, सुशीला नेगी, सुमित्रा वेदवाल, हेमलता नेगी, विमला पंवार, सरला रावत, सरोजनी चमोली, सुमित्रा राणाकोटी, दीपा देवी, विजय नैथानी आदि शामिल रहे।