नीरज उत्तराखण्डी/पुरोला
रामा-पंथालगांव की महिलाएं सड़क की मांग को लेकर तहसील पँहुची आक्रोशित महिलाओं ने नारेबाजी कर लगाया उपेक्षा का आरोप।
पुरोला विकासखण्ड के रामा ग्राम पंचायत की पंथालगांव, कुमठा की आक्रोशित महिलाओं ने दशकों से चलती आ रही अपनी सड़क की मांग को लेकर सोमवार को तहसील में आकर खूब नारेबाजी करते हुए उपजिलाधिकारी सोहन सिंह सैनी को ज्ञापन दिया।
ज्ञापन में ग्रामीणों ने जन प्रतिनिधियों व शासन-प्रशासन पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले कई वर्षों से ग्रामीण सड़क की मांग करते हुए आ रहे हैं।
5 वर्ष से भी अधिक समय से सड़क स्वीकृत होने के बावजूद निर्माणकार्य शुरू नहीं हो पाया है। उन्होंने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों व विभाग पर ग्रामीणों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि कई बार शासन-प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को सड़क निर्माण को लेकर लिखित व मौखिक अवगत करवाया गया, जबकि पोरा कॉलोनी से मात्र 1.5 से 2 किमी0 पंथालगांव तक सड़क निर्माण के लिए सर्वे किया जा चुका है, लेकिन अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया।
ज्ञापन में ग्रामीणों ने कहा कि 40 परिवारों से अधिक जनसंख्या वाले गांव से प्रसव पीड़िता महिलाओं, बीमार लोगों व स्कूली बच्चों को आने जाने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, वहीं पुरोला से गुंदीयाटगांव होते हुए अनावश्यक 14 किमी0 से भी अधिक मोटरमार्ग की दूरी तय कर 2 किमी0 पैदल जाना पड़ता है, जबकि पोरा कॉलोनी से सिर्फ 2 किमी0 गांव तक सड़क मार्ग बनने पर पुरोला से कुल 8 से 10 किमी0 गांव तक पँहुचा जा सकता है।
ज्ञापन में ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सड़क निर्माण कार्य शीघ्र शुरू नहीं किया जाता है तो ग्रामीणों को उग्र आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा।
ज्ञापन देने वालों में ग्राम प्रधान अंजना सेमवाल, प्रकाश कुमार, मीना देवी, विजमती, सुनकेशी, पुष्पा देवी, सशिबाला, संगीता, प्रमिला, नागेन्द्री, हरीश अग्रवाल, संभू प्रसाद नौटियाल, बालेन्द्र राणा, शैलेन्द्र, राजेन्द्र सिंह, बिजेंद्र सिंह आदि कई ग्रामीण थे।
अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग दीपक कुमार का कहना है कि सड़क का सर्वे किया गया था, लेकिन कुछ भाग फारेस्ट में होने के कारण लंबित था। फारेस्ट क्लियरेंस मिलते ही सड़क निर्माण कार्य शुरू करवाया जाएगा।