देहरादून/मुख्यधारा
सियासत इसी को कहते हैं और अभी रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ के पार्टी में सब कुछ ठीक होने वाले बयान से कुंहासा छंटा नहीं है। माना जा रहा है कि जब तक हरक सिंह स्वयं इस पर स्थिति साफ नहीं कर देते, तब तक यह कुंहासा बरकरार रहेगा।
उत्तराखंड धामी सरकार की मंत्रिमंडल बैठक के दौरान अचानक कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के बीच में ही बैठक छोड़कर चले जाने के बाद से प्रदेश में आया सियासी भूचाल अभी नहीं थम पाया है। हालांकि उनके करीबी रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ कह रहे हैं कि अब हरक सिंह मान गए हैं, किंतु हरक सिंह का मानना है कि पांच करोड़ में कोई मेडिकल कालेज बनता है? ऐसे में माना जा रहा है कि अभी भी उनकी नाराजगी दूर नहीं हुई है। उनके द्वारा गत दिवस मौखिक रूप से इस्तीफा देने की खबरें आई थी। इसके बाद रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ के इस्तीफे की खबरें भी वायरल हुई, किंतु भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने भी इस तरह की बात को खारिज कर दिया और कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। आज सुबह विधायक काऊ ने भी दोनों के इस्तीफे देने की खबरों को निराधार बताया।
क्रिसमस की पूर्व संध्या पर कड़ाके के ठंड के बीच देहरादून में चले हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद से प्रदेशभर में सियासी पारा उछाल मार रहा है। गली-मोहल्ले से लेकर चाय की दुकानों तक में हरक सिंह की चर्चाएं चल रही है। सभी जगह एक ही उत्सुकता बनी हुई है कि अब हरक सिंह कौन सी पार्टी ज्वाइन करेंगे!
बताते चलें कि कैबिनेट बैठक के दौरान गत दिवस मेडिकल कालेज के मुद्दे पर हरक सिंह रावत उखड़ गए। उनकी नाराजगी थी कि जिस मेडिकल कालेज का उन्होंने पिछले चुनाव में जनता से वायदा किया था, वह आज भी नहीं हो पाया है। ऐसे में वे जनता को क्या जवाब देंगे। इसी बात पर वे बैठक छोड़कर निकल गए थे। हालांकि बाद में जब कैबिनेट की ब्रीफिंग आई तो उसमें कोटद्वार मेडिकल कालेज के लिए इस वित्तीय वर्ष में पांच करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई। अब इस पर हरक सिंह रावत मानते हैं कि पांच करोड़ में कैसे मेडिकल कालेज का सपना पूरा हो पाएगा। जाहिर है कि अभी भी उनकी नाराजगी पूरी नहीं हुई।
वहीं दूसरी ओर उनके करीबी रायपुर से विधायक उमेश शर्मा काऊ से जब बात की गई तो उनका कहना था कि अब पार्टी में सब ठीक हो गया है। उन्होंने कहा कि वे खाना खा रहे थे, इसी दौरान हरक भाई का उन्हें फोन आया कि काऊ मैं कैबिनेट छोड़के जा रहा हूं, इसके बाद फोन कट गया। फिर मुझे फोन आने लगे कहा गया कि अभी उनसे फोन पर बात कराएं। फिर मैं घर से निकला और उनको सब जगह ढूंढते हुए रात्रि 12 साढे 12 बजे उनकी दिल्ली हाईकमान से भी बात कराई गई। जिस पर आश्वासन मिला कि आपकी जो भी मांग होगी, पूरी हो जाएगी। उमेश शर्मा काऊ ने हरक सिंह और उनके द्वारा इस्तीफे दिए जाने की खबरों को खारिज कर दिया।
बहरहाल, अभी कुंहासा छंटा नहीं है। हरक सिंह स्वयं कहते हैं कि राजनीति में काफी संभावनाएं होती हैं। ऐसे में अभी यह सटीक अनुमान पाना जल्दबाजी होगा कि हरक सिंह का अगला कदम क्या होगा और उनके करीबी रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ उन्हें कितना फॉलो करते हैं!
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