देश को आज सबसे लंबे समुद्री ब्रिज (Longest Sea Bridge) की मिलेगी सौगात, कई शहरों की कम होगी दूरी और सफर भी होगा आसान - Mukhyadhara

देश को आज सबसे लंबे समुद्री ब्रिज (Longest Sea Bridge) की मिलेगी सौगात, कई शहरों की कम होगी दूरी और सफर भी होगा आसान

admin
m 1 3

देश को आज सबसे लंबे समुद्री ब्रिज (Longest Sea Bridge) की मिलेगी सौगात, कई शहरों की कम होगी दूरी और सफर भी होगा आसान

पीएम मोदी करेंगे उदघाटन

मुख्यधारा डेस्क

देश को आज एक और बड़ी सौगात मिलने जा रही है। भारत का सबसे लंबा समुद्री ब्रिज मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक बनकर तैयार हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार दोपहर को इस ब्रिज का उद्घाटन करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी दोपहर करीब 12:15 बजे नासिक पहुंचेंगे। यहां वो 27वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घाटन करेंगे। करीब 3:30 बजे मुंबई में अटल बिहारी वाजपेयी सेवारी-न्हावा शेवा अटल सेतु का उद्घाटन करेंगे। लगभग 4:15 बजे प्रधानमंत्री नवी मुंबई में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल होंगे। यहां वो कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन कर उन्हें राष्ट्र को समर्पित करेंगे। साथ ही कई परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे।

यह भी पढें : पद्म श्री कैलाश खेर(Kailash Kher) और कन्हैया मित्तल के भजनों से राममय हुआ वातावरण, झूमने पर मजबूर हुए दर्शक

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री करीब 2000 करोड़ रुपये की रेलवे परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री उरण रेलवे स्टेशन से खारकोपर तक चलने वाली ईएमयू ट्रेन के उद्घाटन कार्यक्रम को भी हरी झंडी दिखाएंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आज मुंबई दौरे के दौरान देश का सबसे लंबा समुद्री ब्रिज का उद्घाटन आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में इस पुल को ‘अटल सेतु’ नाम दिया गया है। इससे मुंबई और नवी मुंबई के बीच की दूरी घटकर केवल 20 मिनट रह गई है, जिसमें पहले 2 घंटे लगते थे। इसके साथ मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत के सफर का समय भी कम होगा।

यह भी पढें : जय जवान जय किसान का नारा देने वाले लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) की पुण्यतिथि पर राष्ट्र कर रहा है नमन

पीएम मोदी ने दिसंबर 2016 में इस पुल की आधारशिला रखी थी। करीब 21.8 किमी लंबा छह लेन वाला पुल है, जिसकी लंबाई समुद्र के ऊपर लगभग 16.5 किमी और जमीन पर लगभग 5.5 किमी है। मुंबई महानगर क्षेत्र में परिवहन नेटवर्क का विस्तार करते हुए देश के इस सबसे बड़े समुद्री पुल का निर्माण मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) द्वारा किया गया है और अब यह यातायात के लिए खुलने जा रहा है। इस परियोजना में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किए जाने से ये इंजीनियरिंग का अविष्कार मानी जा रही है। 21 हजार करोड़ रुपये की इस परियोजना के निर्माण में 10 देशों के विशेषज्ञों ने अपना योगदान दिया है और 1500 से अधिक इंजीनियरों तथा लगभग 16 हजार 500 कुशल मजदूरों ने तीन शिफ्ट में दिन-रात  काम किया है।

इस प्रोजेक्ट में करीब 1.2 लाख टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है। इतनी मात्रा में स्टील से चार हावड़ा ब्रिज बनाए जा सकते हैं। प्रोजेक्ट में 8 लाख 30 हजार क्यूबिक मीटर कंक्रीट का इस्तेमाल किया गया है। यह स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को खड़ा करने में इस्तेमाल किए गए कंक्रीट से छह गुना ज्यादा है।

यह भी पढें : ड्रीम्स इंडिया चैरिटेबल ट्रस्ट (Dreams India Charitable Trust) ने किया डॉ. त्रिलोक सोनी को सम्मानित

इस परियोजना में उपयोग किया गया स्टील एफिल टॉवर में इस्तेमाल किए गए स्टील से 17 गुना अधिक है। लगभग एक हजार खंभों पर बने इस मार्ग पर 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा की जा सकती है और प्रतिदिन लगभग 70 हजार वाहनों की आवाजाही की क्षमता ये सेतु रखता है।

अटल सेतु की लंबाई 22 किलोमीटर है, ईस्ट एक्सप्रेसवे को जोड़ा गया है

अटल सेतु की कुल लंबाई 22 किमी है जिसमें से 16.5 किमी समुद्र में है और लगभग 5.5 किमी जमीन पर है। दोनों तरफ तीन-तीन लेन होंगी। ईस्ट एक्सप्रेसवे को जोड़ा गया है और ईस्ट-वेस्ट वर्ली-शिवडी एलिवेटेड एक्सप्रेसवे को भविष्य में अटल सेतु परियोजना से जोड़ा जाएगा। इससे दक्षिण मुंबई और पश्चिमी उपनगरों से मुंबई सी कोस्ट रोड के जरिए आने वाले यात्री अटल सेतु के जरिए बिना रुके मुख्य भूमि तक पहुंच सकेंगे। एक घंटे से अधिक की यात्रा का समय बचेगा और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन भी कम होगा।

यह भी पढें : भारतीय गणित परंपरा का चमकता सितारा रामानुजन (Ramanujan)

पुल के दूसरी ओर नवी मुंबई के उलवे स्थित शिवाजी नगर, उरण-पनवेल राज्य महामार्ग और मल्टीमॉडल कॉरिडोर चिर्ले में इंटरचेंज किया गया है। इसके माध्यम से नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी, पुणे या गोवा से यात्री, भारी वाहन आसानी से मुंबई में प्रवेश कर सकेंगे। यह सेतु मार्ग मुंबई-गोवा महामार्ग, मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे, वसई-विरार, नवी मुंबई, रायगढ़ जिले की विभिन्न संपर्क सड़कों से जोड़ा गया है। इसमें भारत की पहली ओपन रोड टोलिंग प्रणाली का भी उपयोग किया गया है।

अटल सेतु के निर्माण में पर्यावरण संतुलन का ध्यान रखा गया है। इस क्षेत्र में स्थानांतरित पक्षियों, विशेषकर फ्लेमिंगो, का प्राकृतिक आवास है इसलिए परियोजना के समंदर क्षेत्र के मैंग्रोव और दलदल इत्यादि पर्यावरण से संबंधित विशेषताओं को कम से कम नुकसान हो, इसका पूरा ख्याल रखा है। मुंबई पुलिस ने पुल पर 4 व्हीलर्स के लिए अधिकतम गति सीमा 100 किमी प्रति घंटा तय की है। इस पर मोटरबाइक, ऑटोरिक्शा और ट्रैक्टर चलाने की अनुमति नहीं होगी।

यह भी पढें : हिमालय में कभी भी आ सकता है विनाशकारी भूकंप (Devastating earthquake)

Next Post

नगर निगम देहरादून को राज्य के नगर निगम की श्रेणी में क्लीन सिटी (Clean City) के रूप में प्रथम पुरस्कार

नगर निगम देहरादून को राज्य के नगर निगम की श्रेणी में क्लीन सिटी (Clean City) के रूप में प्रथम पुरस्कार देहरादून/मुख्यधारा स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में नगर निगम देहरादून और नगर पालिका परिषद मुनिकीरेती-ढालवाला को प्रथम स्थान मिलने पर भारत सरकार […]
d 1 14

यह भी पढ़े