BYJU'S : कुछ समय पहले तक भारत के साथ दुनियाभर में धमक रखने वाली 'बायजूस' हुई धड़ाम, जानिए इस कंपनी का कैसे हुआ पतन - Mukhyadhara

BYJU’S : कुछ समय पहले तक भारत के साथ दुनियाभर में धमक रखने वाली ‘बायजूस’ हुई धड़ाम, जानिए इस कंपनी का कैसे हुआ पतन

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BYJU’S : कुछ समय पहले तक भारत के साथ दुनियाभर में धमक रखने वाली ‘बायजूस’ हुई धड़ाम, जानिए इस कंपनी का कैसे हुआ पतन

मुख्यधारा डेस्क

आज हम एक ऐसी कोचिंग कंपनी के बारे में बात करेंगे जिसकी एक साल पहले तक भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के तमाम देशों में अच्छी खासी धमक बनी हुई थी। विभिन्न कोर्सों और परीक्षाओं की कोचिंग कराने वाली प्रतिष्ठित संस्था मानी जाती थी। इसके न्यूज चैनल और अखबारों में बड़े-बड़े ऐड दिखाई पड़ते थे। विद्यार्थी भी यहां पढ़ना शान समझता था। लेकिन वक्त का पहिया ऐसा पलटा कि आज यह कंपनी दिवालिया हो गई है। 13 साल से बनी साख एक झटके में खराब हो गई। हम बात कर रहे हैं एडटेक कंपनी बायजूस की। पिछले कई दिनों से बायजूस वित्तीय संकट से जूझ रही है।

बायजूस के फाउंडर बायजू रवीन्द्रन की नेटवर्थ जीरो हो गई है। एक साल पहले उनकी नेटवर्थ ₹17,545 करोड़ थी। फोर्ब्स की बिलेनियर इंडेक्स 2024 में ये जानकारी सामने आई है। कंपनी अभी नकदी संकट से जूझ रही है। यह कंपनी काफी तेजी से आगे बढ़ी और कोरोना महामारी के समय इसके बिजनेस में काफी उछाल आया। साल 2022 में इसने 22 अरब डॉलर की बड़ी वैल्युएशन हासिल कर ली। इस दौरान कंपनी ने जल्दी-जल्दी मिल रही सफलता से उत्साहित होकर अमेरिका में भी कदम रखा। लेकिन इसके बाद लगातार कंपनी को झटके पर झटके लगते रहे। इसके बाद बायजू रविंद्रन और कंपनी के कुछ निवेशकों में विवाद छिड़ गया।

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एक साल पहले बायजू फोर्ब्स की बिलेनियर लिस्ट में शामिल थे, लेकिन पिछले साल की लिस्ट से इस बार 4 लोगों को बाहर किया गया है, उनमें रवीन्द्रन भी शामिल हैं। इसके साथ पिछले महीने बायजूस के शेयरहोल्डर्स ने रवीन्द्रन को सीईओ पद से हटाने के लिए वोटिंग भी की थी। पिछले कई महीने से बायजूस में कर्मचारियों की छंटनी जारी है। अब फोन कॉल पर भी एम्प्लॉइज की छंटनी की जा रही है।

मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, बायजूस की फाइनेंशियल कंडीशन इतनी खराब है कि न तो कंपनी किसी एम्प्लॉइज के काम का रिव्यू कर रही है और न ही उन्हें नोटिस पीरियड सर्व करने का मौका दे रही है। कंपनी सिर्फ फोन कॉल पर ही एम्प्लॉइज को नौकरी से निकाल रही है। रवींद्रन ने खुद इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। उसके बाद रवीन्द्रन ने 2011 में बायजूस की शुरुआत की थी। तब यह सबसे तेजी से ग्रोथ करने वाला स्टार्टअप बन गया।

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2022 में इसकी वैल्यूएशन 1.84 लाख करोड़ रुपए बताई थी। 2019-20 में कंपनी को 310 करोड़ का नुकसान हुआ, जो 2020-21 में बढ़कर 4,560 करोड़ हो गया। कंपनी पर फिलहाल करीब 10 हजार करोड़ रुपए का टर्म लोन है। बायजूस प्राइमरी लेवल से लेकर एमबीए तक के स्टूडेंट्स को कोचिंग देती है। फिलहाल बायजू सबसे बुरे दौर में है। यह कंपनी अब पूरी तरह अर्श से फर्श पर आ चुकी है।

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