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सियासत: इन 11 सीटों पर इसलिए छूट रहे भाजपा के पसीने!

admin
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मामचन्द शाह

विधानसभा चुनाव के लिए 59 भाजपा प्रत्याशियों की पहली सूची जारी होने के बाद अब शेष 11 सीटों पर पार्टी को कड़क ठंड में पसीने छूट रहे हैं। पार्टी के सामने जहां 5 सीटों पर कांग्रेसी दिग्गजों का तोड़ नहीं मिल पा रहा है, वहीं दो सीटें अति वीआईपी होने के बावजूद वहां फिलवक्त जिताऊ प्रत्याशी ढूंढने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है।

बताते चलें कि सबसे चर्चित सीट भाजपा के लिए वर्तमान में डोईवाला व कोटद्वार है, जिन पर पहली सूची में प्रत्याशियों का नाम चयनित नहीं किया जा सका। डोईवाला से गत दिवस ही पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत चुनाव लडऩे से पीछे हट गए थे, वहीं कोटद्वार सीट पर विधायक व मंत्री रहे हरक सिंह रावत फिलहाल मझधार में फंसे हुए हैं। उन्हें कुछ दिन पहले ही भाजपा से निष्कासित करते हुए मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था। अब इन दोनों सीटों पर पार्टी संगठन को खासा पसीना बहाना पड़ रहा है। हालांकि माना जा रहा है कि जल्द ही इन सीटों पर प्रत्याशी का नाम फाइनल किया जा रहा है।

इसके अलावा वर्तमान सरकार के इन पांच वर्षों के कार्यकाल में दो सीटें सर्वाधिक चर्चित रहीं। झबरेड़ा से देशराज कर्णवाल विधायक व रुद्रपुर से राजकुमार ठुकराल सिटिंग विधायक हैं। यहां के विधायकों का अजब-गजब बयानबाजी के कारण ये दोनों सीटें हमेशा चर्चा का केंद्र बिंदु में रही। इससे पार्टी की कई मौकों पर जमकर किरकिरी हुई। अब विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी नहीं चाहती कि बात का कोई ऐसा बतंगड़ बने, जिससे पार्टी का रायता फैल जाए। ऐसे में इन सीटों पर प्रत्याशी चयन को लेकर गहन मंथन किया जा रहा है।

अंदरूनी खबरों से यह बात निकलकर सामने आई है कि पार्टी द्वारा कराए गए कई दौर के प्रत्याशी आकलन सर्वे में टिहरी  एवं लालकुआं सीट पर यहां के विधायकों का परफोरमेंस रेटिंग औसत पाई गई। ऐसे में इन पर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। बताते चलें कि टिहरी से धन सिंह नेगी एवं लालकुआं से नवीनचन्द्र दुम्का सिटिंग विधायक हैं।

बची-खुची कसर भाजपा के लिए उन 5 सीटों ने पूरी कर दी, जिन पर वर्तमान में कांग्रेस के विधायक हैं या रहे हैं। इनमें से 4 सीटों पर केदारनाथ से मनोज रावत, रानीखेत से करन मेहरा, जागेश्वर से गोविंद सिंह कुंजवाल व  पिरान कलियर से फुरकान अहमद सभी कांग्रेस के विधायक हैं।

इसके अलावा हल्द्वानी सीट से इंदिरा हृदयेश जैसी दिग्गज विधायक रही। बीते वर्ष उनका आकस्मिक निधन हो गया था। हल्द्वानी सीट पर इंदिरा हृदयेश के पुत्र सुमित हृदयेश को टिकट मिलने की प्रबल संभावना है। यदि उन्हें टिकट मिला तो सहानुभूति का भी लाभ मिल सकता है। बताया जा रहा है कि इन पांचों सीटों पर भारतीय जनता पार्टी को इनके टक्कर का प्रत्याशी नहीं मिल पा रहा है। यही कारण रहा कि पार्टी आज सभी सीटों पर प्रत्याशी घोषित नहीं कर पाई।

बहरहाल, अब देखना यह होगा कि भाजपा इन बची 11 सीटों पर किन प्रत्याशियों पर दांव खेलकर अबकी बार साठ पार वाले अभेद्य लक्ष्य को भेदने का रास्ता प्रशस्त कर पाती है या नहीं!

 

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