- निर्वतमान विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल ने भी पेश की दावेदारी
मुख्यधारा/देहरादून
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में दो तिहाई बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही भारतीय जनता पार्टी अभी तक सीएम का नाम फाइनल नहीं कर पाई है। अलबत्ता सीएम की कुर्सी के लिए कई दावेदारों और उनके समर्थकों ने अपना नाम मीडिया में उछालकर सुर्खियां जरूर बटोरी हैं। हालांकि नाम फाइनल हाईकमान द्वारा ही किया जाना है। इस बीच बड़ी तेजी से राज्यसभा सांसद anil baluni का नाम भी सुर्खियों में आ गया है।
सूत्र बताते हैं कि anil baluni का नाम नए सीएम के लिए करीब-करीब तय हो गया है और अब इसका औपचारिक ऐलाना किया जाना है। हालांकि कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को यहां नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। जिनके लिए करीब आधा दर्जन विधायकों ने अपनी सीट खाली करने की घोषणा तक की है।
इसके अलावा पुष्कर धामी की पकड़ इसलिए भी मजबूत मानी जा रही है, क्योंकि उत्तराखंड के पूर्व सीएम एवं महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का आशीर्वाद भी उनके साथ है। बताया जा रहा है कि इस स्तर से भी भाजपा हाईकमान पर धामी के सीएम बनाने को लेकर दबाव बनाया जा रहा है।
बताते चलें कि अनिल बलूनी anil baluni उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद हैं। वे हमेशा उत्तराखंड के हितों के लिए लगातार केंद्र सरकार में न सिर्फ पैरवी करते रहे हैं, बल्कि उनके प्रयास रंग लाते हुए भी दिखाई दिए हैं। इससे पूर्व भी उनका नाम मुख्यमंत्री के लिए आगे आया था, किंतु स्वास्थ्य कारणों के चलते तब वह इस फॉर्मेट पर फिट नहीं बैठ पाए। अब भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने को अग्रसर हैं, ऐसे में उत्तराखंड के लिए उनका नाम सबसे ऊपर चल रहा है।
सूत्रों के अनुसार गत दिवस भी वे कार्यवाहक सीएम पुष्कर सिंह धामी के साथ दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करते देखे गए। बताया जा रहा है कि उन्हें हाईकमान से स्पष्ट संकेत मिल चुके हैं। हालांकि इसका अभी ऐलान किया जाना बाकी है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड में युवा लीडरशिप करना चाहती है। यही कारण है कि अनिल बलूनी को उत्तराखंड की कमान सौंपने को लेकर गहन मंथन चल रहा है।
वहीं दूसरी ओर आज दिल्ली में निवर्तमान विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द्र अग्रवाल ने भी केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। इससे पूर्व उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भी शिष्टाचार भेंट की। उन्हें ऋषिकेश विधानसभा से चौथी बार विजयी होने पर राजनाथ सिंह व ओम बिरला ने बधाई दी।
इस भेंट के दौरान प्रेमचन्द अग्रवाल ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी भी पेश की। हालांकि उन्होंने साफ करते हुए कहा कि इस पर फैसला हाईकमान द्वारा ही लिया जाना है। इससे सियासी हलचल और तेज बढ़ गई है।
हालांकि कुछ विधायकों का दबी जुबान में कहना है कि इस बार मुख्यमंत्री विधायकों में से ही बनाए जाना चाहिए।
बहरहाल, अब देखना यह होगा कि उत्तराखंड का ताज इस बार किसके सिर सजता है!