मुख्यधारा/देहरादून
उत्तराखंड के शहीद राज्य आंदोलनकारी राजेश रावत (shaheed rajesh rawat) को नगर निगम देहरादून की पार्षद द्वारा अपमानजनक शब्दों का प्रयोग कर उन्हें पत्थरबाज कहने पर पूर्व सीएम हरीश रावत आगे हैं। उन्होंने पार्षद द्वारा कहे गए शब्दों पर माफी मांगी है।
बताते चलें कि गत दिवस नगर निगम देहरादून में आयोजित हुई बोर्ड बैठक के दौरान चंदररोड की कांग्रेस पार्षद मीना बिष्ट ने राज्य के लिए अपना बलिदान दे चुके शहीद आंदोलनकारी राजेश रावत (shaheed rajesh rawat) को पत्थरबाज बता दिया था। पार्षद मीना शर्मा ने यहां तक कह दिया कि वे राजेश रावत को जानती थीं। सरकार ने उन्हें शहीद आंदोलनकारी घोषित कर दिया हो, किंतु वह नहीं मानती। वह चंदररोड का नाम शहीद राजेश रावत के नाम से करने पर विरोध जता रही थी।
कांग्रेस पार्षद की शहीद आंदोलनकारी (shaheed rajesh rawat) के लिए ऐसी आपत्तिजनक टिप्पणी से सदन में एक पल के लिए सन्नाटा छा गया। इससे भाजपा पार्षद आक्रोशित हो गए थे और उनसे माफी मांगने पर अड़ गए, किंतु कांग्रेस पार्षद नहीं मानी और वह सदन से उठकर चली गई। भाजपा पार्षदों ने इस बात को लेकर जमकर हंगामा किया।
तब नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ पार्षद ने माफी मांगकर माहौल को शांत कराया। कांग्रेस के वरिष्ठ पार्षद राजेश परमार ने कहा कि वह इस घटना से दुखी हैं। इसके लिए वह मीना बिष्ट की ओर से माफी मांगते हैं। नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र पाल ने भी इस घटना पर दुख जताया।
पार्टी की हो रही किरकिरी को देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री आगे आए हैं और उन्होंने इस घटना पर गहरा दुख जताया है। उनका कहना है कि कुछ अनचाहे उत्तेजनापूर्ण क्षणों में कांग्रेस पार्षद द्वारा अमर शहीद राजेश रावत (shaheed rajesh rawat) को पत्थरबाज कहना अत्यधिक दु:खद और निंदनीय है। मैं कांग्रेस पार्षद के इस आचरण के लिए सारे राज्य के लोगों और राज्य आंदोलनकारियों से क्षमा चाहता हूं और वे 27 अप्रैल को अमर शहीद राजेश रावत (shaheed rajesh rawat) की मूर्ति पर जाकर उनसे भी क्षमा याचना करूंगा। कांग्रेस अपने पार्षद के इस आचरण से अत्यधिक दु:खी और लज्जित है।
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