न्यूज डेस्क
आज भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के तमाम देशों की सड़कों पर हाईटेक कारें (car) फर्राटा भर रहीं हैं। इसके साथ आने वाले समय के लिए भी विश्व की कई कंपनियां और भी एडवांस प्रणाली पर आधारित कार को उतारने के लिए तैयार हैं। नए हाईटेक कार के बाजार में 50 के दशक की मर्सिडीज बेंज ने दुनिया का अपनी ओर ध्यान खींचा है।
‘मर्सिडीज बेंज 300 एसएलआर’ करोड़ों रुपए में बिकने वाली सबसे महंगी कार बन गई है। इस कार(car) की 1100 करोड़ डॉलर (143 मिलियन डॉलर) की नीलामी हुई।
गौरतलब है कि गाड़ियों के नीलामी का प्रचलन कई सालों से चलता आ रहा है। नीलामी में कई ऐसी कारें(car) होती हैं जिनकी दुनिया में एक अलग पहचान होती है। ऐसे ही मर्सिडीज बेंज 300 एसएलआर की नीलामी सुर्खियों में बनी हुई है।
नीलामी कंपनी से जुड़े अधिकारी आरएम सोथबी के अनुसार गुरुवार को 1955 मॉडल मर्सिडीज बेंज कार पहले बेची गई फेरारी कार(car) से लगभग तीन गुना अधिक दाम पर बेची गई, जो अपने आप में रिकॉर्ड है। 2018 में 1962 मॉडल फेरारी 250 जीटीओ को नीलामी में बेचा गया था। तब इसकी कीमत 48 मिलियन डॉलर यानी 3 अरब 72 करोड़ रुपए में बेची गई थी।
बता दें कि मर्सिडीज ने इसे 1950 के दशक में बनाकर तैयार किया था और इस कार(car) के सिर्फ मॉडल तैयार किए थे। तब से इनकी देखभाल खुद कंपनी मर्सिडीज बेंज ही कर रही थी।
माना जा रहा है कि कंपनी ने नीलामी को सीक्रेट रखा था और केवल 10 लोगों को बुलाया गया था जो ऑटोमोबाइल फील्ड से जुड़े हुए थे। कंपनी ने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि कंपनी चाहती थी इस कार(car) को कोई थर्ड पार्टी न खरीदे।
कहा जा रहा है कि मर्सिडीज बेंच को एक अमेरिकन बिजनेसमैन डेविड मैकनील ने खरीदा है ।