शंभू नाथ गौतम
आज संडे है। हर साल जून माह के तीसरे रविवार को एक ऐसा दिवस मनाया जाता है जिसमें पिता का बच्चों के प्रति प्यार, समर्पण और त्याग छुपा हुआ है। दुनिया भर में बच्चों के लिए पिता के बलिदान और त्याग की हजारों कहानियां हैं। ‘यूं तो मैंने बुलंदियों के हर निशान को छुआ, जब पापा ने गोद में उठाया तो आसमान को छुआ’।
आज पिता-पुत्र के पवित्र प्यार का दिन ‘फादर्स डे’ (Fathers day special) है। पिता के प्यार और बलिदान के लिए हर साल ‘फादर्स डे’ मनाया जाता है। बच्चों की खुशियों के लिए पिता अपना पूरा जीवन न्योछावर कर देते हैं। बच्चों को पढ़ा लिखा कर बड़ा करने में अपनी जिंदगी कब बीत जाती है पता ही नहीं चलता। पिता बच्चों के स्वर्णिम भविष्य के लिए कठिन मेहनत करते हैं।
मदर्स डे’ की तरह पिता के कर्तव्यों के निर्वहन के लिए उनके प्रति सम्मान और आभार प्रकट करने के लिए फादर्स डे (Fathers day special) मनाया जाता है। माता-पिता के प्रेम का वर्णन शब्दों में करना कठिन है । पिता अपने बच्चों के लिए रोल मॉडल भी होता है। पापा है तो दुनिया है खुशिया है, पिता के बिना जिंदगी वीरान होती है, तनहा सफर में हर राह सुनसान होती है। बच्चे पिता काे देखकर ही अपना रास्ता चुनते हैं। पिता भी बच्चाें के लिए खुद काे सर्वश्रेष्ठ उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करने के लिए रात-दिन एक कर देते हैं। ‘कष्ट सहकर भी पिता बच्चों के लिए हमेशा मुस्कुराते हुए नजर आते हैं’। पिता का प्यार और ‘आशीर्वाद’ बच्चों के लिए ताउम्र बना रहता है।
हमारे जीवन में पिता का महत्व बेहद खास होता है। मां तो हमेशा अपने प्यार को दर्शा देती है, लेकिन ऊपर से सख्त रहने वाले पिता बहुत कम ही मौकों पर अपना प्यार दिखाते हैं। पिता हमारे भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए अपने सपनों और ख्वाहिशों को भी भूल जाते हैं। पिता का प्यार और अनुशासन ही बच्चों को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
बता दें कि फादर्स डे (Fathers day special) मनाने की तारीख साल दर साल बदलती है। भारत समेत अधिकतर देशों में फादर्स डे जून के तीसरे रविवार को मनाया जाता है। बता दें कि स्पेन, पुर्तगाल में फादर्स डे का आयोजन 19 मार्च, ताइवान में 8 अगस्त, थाईलैंड में 5 दिसंबर को होता है।
अमेरिका से इस प्रकार फादर्स डे (Fathers day special) मनाने की हुई थी शुरुआत
बता दें कि फादर्स डे (Fathers day special) मनाने की शुरुआत सबसे पहले अमेरिका से हुई थी। इस दिवस को मनाने के पीछे अलग-अलग मत हैं। माना जाता है वॉशिंगटन के स्पोकेन शहर में सोनोरा डॉड नाम की महिला ने अपने पिता की स्मृति में इस दिन की शुरुआत की थी। उनका पालन-पोषण उनके पिता ने पांच अन्य बच्चों के साथ सिंगल पैरेंट के तौर पर किया। उनकी मंशा पुरुषों के लिए मदर्स डे के जैसा आधिकारिक बराबरी की थी।
पहली बार फादर्स डे 19 जून,1909 को मनाया गया था। 20 जून, 1910 को वाशिंगटन ने फादर्स डे (Fathers day special) के तौर पर इस दिन को घोषित किया। इसके बाद 1916 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने इस खास दिन को मनाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी। 1924 में राष्ट्रपति कैल्विन कुलिज ने फादर्स डे को राष्ट्रीय आयोजन घोषित किया।
1966 में राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने इसे जून के तीसरे रविवार को मनाने का फैसला लिया था। 1 मई, 1972 को राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने फादर्स डे के मौके पर राष्ट्रीय छुट्टी का एलान किया। पहला आधिकारिक फादर्स डे (Fathers day special) का कार्यक्रम 18 जून, 1972 को मनाया गया। तभी से विश्व भर में फादर्स डे बड़े उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाने लगा।
फादर्स डे उत्सव पितृ बंधन, बच्चों के जीवन, परिवारों और समाज में बड़े पैमाने पर पिता की भूमिका पर जोर देता है। आओ फादर्स डे पर हम भी अपनी जिम्मेदारी निभाए अपने पिता को वह खुशियां लौटाएं, जिसकी उन्हें तलाश है।