विभिन्न होटलों में करते थे काम, सैलरी मिलनी हो गई बंद
राहुल राणा
देहरादून। मेरठ के विभिन्न होटलों में काम करने वाले लगभग दो सौ से ढाई सौ उत्तराखंडी लोग फंसे हुए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखकर उन्हें उत्तराखंड अपने गृह जनपद में पहुंचाने की मांग की है।
मेरठ में फंसे लोगों ने मुख्यधारा को जानकारी देते हुए बताया कि उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों के करीब दो सौ से ढाई सौ लोग फंसे हुए हैं। वे लोग यहां विभिन्न होटलों में नौकरी करते थे। लॉकडाउन के कारण उनकी सैलरी मिलनी बंद हो गई है। राशन-पानी भी खत्म होने की कगार पर है। ऐसे में उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से उन्हें उत्तराखंड पहुंचाने की गुहार लगाई है।
उनका कहना था कि लॉकडाउन का पालन करते हुए वे लोग अब तक जहां थे, वहीं पर रुके हुए थे, लेकिन अब उनके सम्मुख समस्या खड़ी हो गई है और उनका धैर्य जवाब देने लगा है।
मेरठ में होटल में काम करने वाले रुद्रप्रयाग जनपद निवासी हरीश कुमार ने बताया कि उत्तराखंड सरकार द्वारा जो लिंक रजिस्ट्रेशन के लिए जारी किया है, वह काम ही नहीं कर रहा है। साइट खुल रही है तो उनके पास ओटीपी ही नहीं पहुंच पा रहा है। ऐसे में उनके सम्मुख समस्या खड़ी हो गई है। उन्होंने बताया कि अब उनकी उम्मीदें उत्तराखंड सरकार व शासन प्रशासन पर ही टिकी हैं। उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द उन्हें उत्तराखंड के उनके गृह जनपदों में जल्द से जल्द पहुंचाया जाए।
मेरठ के जैसे ही अन्य राज्यों में भी हजारों उत्तराखंडी प्रवासी उत्तराखंड लौटने को बेचैन हैं। रजिस्टे्रशन करने में हो रही दिक्कत के कारण उनका धैर्य अब जवाब देने लगा है।