मलिकार्जुन खड़गे ने 47 सदस्यों की स्टीयरिंग कमेटी गठित की, सोनिया गांधी-राहुल, प्रियंका और हरीश रावत समेत इन नेताओं को मिली जगह
मुख्यधारा डेस्क
देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस (Congress) के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने बुधवार दोपहर पदभार संभाल लिया है। राजधानी दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में सोनिया गांधी, राहुल और प्रियंका गांधी वाड्रा की उपस्थिति में चुनाव अधिकारी मधुसूदन मिस्त्री ने उन्हें जीत का प्रमाण पत्र सौंपा।
इस मौके पर पार्टी के तमाम दिग्गज नेता मौजूद रहे। इसके बाद खड़गे ने कांग्रेस(Congress) वर्किंग कमेटी सीडब्ल्यूसी की मीटिंग की। इस मीटिंग के कुछ देर बाद कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) भंग कर दी गई है।
कांग्रेस(Congress) कार्य समिति के सभी सदस्यों, महासचिव और प्रभारियों ने पार्टी के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। उसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने अपने पहले फैसले में कांग्रेस कार्य समिति के बदले 47 सदस्यों की स्टीयरिंग कमेटी का एलान किया। इसमें सोनिया गांधी, डॉ. मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी हरीश रावत दिग्विजय सिंह एके एंटनी, अभिषेक मनु सिंघवी, अजय माकन, अंबिका सोनी, आनंद शर्मा, अविनाश पांडेय, जयराम रमेश, जितेंद्र सिंह, कुमारी शैलजा, केसी वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक, ओमेन चैंडी, मीरा कुमार, पीएल पुनिया, पवन कुमार बंसल, प्रमोद तिवारी, रंजनी पाटिल, रघु शर्मा, संजीव शुक्ला, सलमान खुर्शीद, समेत 47 लोगों को शामिल किया गया है।
बता दें कि नए कांग्रेस(Congress) अध्यक्ष के चुनाव के बाद सीडब्ल्यूसी भंग कर दी जाती है और पार्टी के कामकाज के संचालन के लिए सीडब्ल्यूसी की जगह स्टीयरिंग कमेटी बनाई जाती है। बता दें कि सीडब्लूसी कांग्रेस की सबसे बड़ी निर्णायक संस्था है, लेकिन जब तक इसका गठन नहीं होगा सारे फैसले संचालन समिति के जरिए लिए जाएंगे। पार्टी के पूर्ण सत्र में सीडब्लूसी की घोषणा की जाएगी।
पार्टी के संविधान के मुताबिक इसमें 11 सदस्य मनोनीत और 12 निर्वाचित होते हैं। अध्यक्ष बनने के बाद अपने पहले भाषण में खड़गे ने पार्टी में 50 फीसदी पद 50 साल से कम उम्र के लोगों को देने का एलान किया।
खड़गे ने कहा कि उदयपुर अधिवेशन में इसको लेकर प्रस्ताव पास किया गया था। अब उस पर अमल किया जाएगा।
भाजपा के कांग्रेस(Congress) मुक्त भारत के नारे पर तंज कसते हुए खड़गे ने कहा- अपने मुताबिक नया भारत बनाने के नाम पर वे कांग्रेस मुक्त भारत बनाने का नारा देते हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि जब तक कांग्रेस मौजूद हैं तब तक वे ऐसा नहीं कर सकते। हम ऐसा नहीं होने देंगे और इसके लिए लगातार लड़ाई जारी रखेंगे।