विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से बिना पदोन्नति रिटायर हो रहे सैकड़ों कार्मिक
पदोन्नति में लापरवाह विभाग अब देंगे सूचना! अब तक की कार्यवाही का विवरण तलब
भगीरथ शर्मा
देहरादून। रित्त पदों पर पदोन्नति के मामलों को जानबूझकर लटकाए बैठे विभागों के मुखिया अब बेचैन हो गए हैं। कार्मिक विभाग ने सभी विभागों से पदोन्नति के संबंध में की गई कार्यवाही की सूचना एक सप्ताह में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
उत्तराखंड शासन के कार्मिक विभाग ने विगत 18 मार्च को आदेश जारी कर सभी राज्याधीन सेवाओं, शिक्षण संस्थाओं, सार्वजनिक उद्यमों, निगमों एवं स्वायत्तशासी संस्थाओं को पदोन्नति के रित्त पदों को भरने के निर्देश दिए थे। कई विभागों ने आदेश का अनुपालन करते हुए पदोन्नति प्रक्रिया सम्पन्न कर ली है या प्रक्रिया अंतिम चरण में है, लेकिन कतिपय विभागों ने कार्मिक विभाग के आदेश को गंभीरता से नहीं लिया और उसे अलमारी में बंद कर दिया। कुछ विभागों में पदोन्नति प्रक्रिया शुरू करने को भी अतिरित्त कमाई के रूप में देखा जा रहा है और कतार में खड़े लोगों से सुविधा शुल्क का इंतजार किया जा रहा है। ऐसी शिकायतें भी विभिन्न माध्यमों से आ रही हैं कि विभागीय स्तर पर पदोन्नति के प्रस्ताव कतिपय स्वार्थ के चलते जानबूझकर रोके गए हैं, जिससे बड़ी संख्या में तरक्की की आस लगाए कार्मिक निराश हैं।
विभागीय अधिकारियों की जानबूझकर की जा रही लापरवाही के कारण बिना पदोन्नति के सैकड़ों कार्मिक रिटायर हो जाएंगे। सबसे अधिक मनमानी स्वायत्तशासी संस्थाओं, राज्य विश्वविद्यालयों और कुछ सरकारी विभागों में है, जहां अधिकारियों ने पदोन्नति प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ाए हैं। कार्मिक विभाग के अपर सचिव एस.एस. वाल्दिया ने सभी विभागों को पदोन्नति के संबंध में अब तक की गई कार्यवाही की सूचना एक सप्ताह में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। इससे उन विभागों व संस्थानों में खलबली मच गई है जो शासन के आदेश को दबाकर बैठे हुए थे।
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