17 दिन चली कार्यवाही : संसद (Parliament) शीतकालीन सत्र में कई अहम विधेयक किए गए पारित, नई इमारत में हो सकता है बजट सत्र
(इसी महीने 7 दिसंबर से संसद (Parliament) का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ था। जो 29 दिसंबर तक प्रस्तावित था। लेकिन 5 दिन पहले ही शुक्रवार 23 दिसंबर को सत्र का समापन हो गया। 17 दिन चले शीतकालीन सत्र में विपक्ष और भाजपा के बीच अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प को लेकर तीखी नोकझोंक चलती रही । कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी नेता भाजपा सरकार से चीन के मुद्दे पर जवाब मांग रहे थे, लेकिन इस पर चर्चा नहीं हुई। सत्र के दौरान लोकसभा में 7 और राज्यसभा में 9 बिल पास हुए।)
मुख्यधारा डेस्क
संसद (Parliament) का शीतकालीन सत्र अपने तय समय से 5 दिन पहले शुक्रवार 23 दिसंबर को अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित कर दिया गया। 7 दिसंबर से शुरू हुए संसद का शीतकालीन सत्र में 17 दिन में खत्म हो गया। 17 दिन में करीब 12 दिन सदन में अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हुई झड़प का मुद्दा छाया रहा।
पहले शीतकालीन सत्र 29 दिसंबर को प्रस्तावित था। लेकिन अपने तय समय से 5 दिन पहले 23 दिसंबर को खत्म हो गया। लोकसभा में सत्र के दौरान जहां 97 फीसदी कामकाज हुआ, वहीं राज्यसभा में 103 फीसदी काम हुआ। कांग्रेस पार्टी ने सत्र जल्दी खत्म होने को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को रोकने की साजिश करार दिया। राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे के कुत्ते वाले बयान पर भारी हंगामा हुआ।
भाजपा ने खड़गे से माफी की मांग की। खड़गे का कहना था कि उन्होंने जो कहा वह सदन के बाहर कहा था। वहीं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि राजस्थान के अलवर में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने अभद्र भाषण दिया। उन्होंने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, निराधार बातें कहीं और देश के सामने झूठ पेश करने की कोशिश की।
खड़गे को भाजपा, संसद और इस देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। खड़गे ने अपनी मानसिकता की झलक दिखा दी है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी कहा कि बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (बीएसी) की बैठक में सर्वसम्मति से फैसला हुआ। बिरला ने कहा कि बीएसी में सभी पार्टियों के सांसद सदस्य के तौर पर शामिल होते हैं, लेकिन कांग्रेस ने सत्र पहले खत्म किए जाने को लेकर सरकार पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया है।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि शीतकालीन सत्र के दौरान 56 तारांकित प्रश्नों के उत्तर दिए गए। वहीं दूसरी ओर पार्टी के मीडिया प्रभारी और सांसद जयराम रमेश ने कहा कि सरकार संसद सत्र खत्म करने के बहाने भारत जोड़ो यात्रा को रोकने की कोशिश कर रही है। शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में 7 और राज्यसभा में 9 बिल पास हुए। तवांग झड़प काे लेकर विपक्ष सरकार से बहस की मांग पर अड़ा रहा। लेकिन इस पर चर्चा नहीं हुई।
नए बिलों में से मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी संशोधन बिल और जन विश्वास बिल संसद की संयुक्त समिति के पास भेज दिए गए। संसद का अगला सत्र बजट सत्र होगा जिसके 31 जनवरी से शुरू होने की संभावना है। अगला सत्र भी संसद की पुरानी बिल्डिंग में होगा या नई बिल्डिंग में, इसको लेकर न तो सरकार और न ही लोकसभा अध्यक्ष ने कुछ साफ-साफ कहा है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि जैसे ही नई बिल्डिंग पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगी, संसद की कार्यवाही उसमें चलने लगेगी। बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर से शुरू होकर 29 दिसंबर तक चलना था लेकिन क्रिसमस के कारण कई सदस्यों ने समय से पहले सत्र स्थगित करने का आग्रह किया था।
शीतकालीन सत्र में लोकसभा-राज्यसभा में यह महत्वपूर्ण बिल किए गए पारित
शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में कई अहम विधायक पारित किए गए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि इस सत्र में महत्वपूर्ण वित्तीय और विधायी कार्यों का निपटान किया गया। साल 2022-23 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों का पहला बैच, साल 2019-20 के लिए अतिरिक्त अनुदानों की मांगों पर 10 घंटे 53 मिनट तक चर्चा की गई।
इस दौरान 9 सरकारी विधेयक पुरःस्थापित किए गए । कुल मिलाकर 7 बिल पारित हुए, पारित किए गए कुछ अहम विधेयक हैं- संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (दूसरा संशोधन) विधेयक 2022, संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक 2022, संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (चौथा संशोधन) विधेयक 2022, संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक 2022 और समुद्री जलदस्युता रोधी विधेयक 2022 पारित हुए। सभा में सदस्यों ने लोक महत्व के 374 मामले उठाए।
नियम 377 के अधीन 298 मामले उठाए. लोकसभा की स्थायी समितियों के 36 प्रतिवेदन सभा में प्रस्तुत किए गए। 56 तारांकित प्रश्नों के उत्तर दिए गए। मंत्रियों ने अलग-अलग विषयों पर 23 वक्तव्य दिए. सत्र के दौरान अलग-अलग मंत्रियों ने 1811 पत्रों को सभा पटल पर रखा। सभा में खेलों के संवर्धन की आवश्यकता पर चर्चा की गई, जिसका उत्तर भी मंत्री जी ने दिया।
2020-21 दिसंबर को मादक द्रव्यों पर अल्पकालीन चर्चा की गई। 51 सदस्यों ने हिस्सा लिया और गृहमंत्री ने जवाब दिया। गौर सरकारी सदस्यों द्वारा दिए विषयों पर 59 विधेयक पुरःस्थापित किए गए। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं पर संकल्प पेश किया गया। आदर्श स्टेशन स्कीम के तहत रेलवे स्टेशन के सौंदर्यीकरण पर निजी संकल्प पेश किया गया।
वहीं दूसरी ओर राज्यसभा में भी सभापति जगदीप धनखड़ ने शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा के काम-काज के बारे में बताया। सभापति के तौर पर यह उनका पहला सत्र था। उन्होंने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कुल 13 बैठकें हुईं, जो 64 घंटे और 50 मिनट तक चलीं, जबकि निर्धारित समय 63 घंटे और 26 मिनट था।
इस दौरान सदन की उत्पादकता 102 प्रतिशत रही। उन्होंने बताया कि इस दौरान 82 तारांकित प्रश्नों के उत्तर दिए गए। 20 घंटे की चर्चा के बाद 9 बिलों को पुरःस्थापित किया गया, इनमें 160 सदस्यों ने हिस्सा लिया। बल में वन्यजीव संरक्षण विधेयक 2022, एनर्जी कंज़र्वेशन बिल 2022, संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक 2022 के तीन बिल, नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय माध्यस्थता केंद्र (संशोधन) विधेयक 2022, समुद्री जलदस्युता रोधी विधेयक 2022 पारित हुए। 31 गैर सरकारी सदस्यों के बिल पेश किए गए।
शून्यकाल में सदस्यों ने 106 मामले उठाए और 205 स्पेशल मेंशन दिए गए। ग्लोबल वार्मिंग पर 3 घंटे चर्चा की गई जिसमें 17 सदस्यों ने हिस्सा लिया। सभा की कार्यवाही में बाधा के चलते 1 घंटा 46 मिनट का समय बर्बाद हुआ।