नाचनी। चलो अपना गांव संवारे अभियान के तहत सोच संस्था ने क्वीटी में बैठक की। महिलाएं बोली कि हम रोजगार करना चाहते हैं, अपने पैरों पर खड़ा होकर अपना तथा अपने बच्चों का भविष्य संवारना चाहती है। महिलाओं से समाज में फैली कुरीतियों के खिलाफ आगे आकर सामाजिक परिवर्तन का वाहक बनने का आह्वान किया गया।
महिला भवन क्वीटी में आयोजित बैठक में आसपास के पांच ग्राम पंचायतों की महिला मंगल दल व समूहों से जुड़ी महिलाओं ने बैठक में कहा कि रोजगार के अभाव में पलायन हो रहा है। गांव आधारित रोजगार देकर समाज में अंतिम छोर के गरीब का विकास किया जा सकता है। महिलाओं ने एक स्वर में कहा कि हम कालीन, सिलाई, फूलों की खेती, मसाला उद्योग, अचार, मुरब्बा आदि का प्रशिक्षण लेकर अपने जीवन को बदलना चाहती है। मातृ शक्ति ने कहा कि हम परिवार का भाग जरुर है, लेकिन रोजगार में नहीं होने के कारण हम परिवार में इज्जत व निर्णय लेने की ताकत का गौरव हमें भी चाहिए। महिलाओं ने कहा कि हम किसी से कम नहीं हैं, लेकिन हमें अवसर नहीं मिल पाता है।
सोसायटी फार एक्शन इन हिमालया के अध्यक्ष जगत मर्तोलिया ने कहा कि पहाड़ में पहाड़ जैसा जीवन जीने वाली महिला समुदाय को रोजगार से जोड़ने के लिए हम संभावनाएं तलाश रही हैं। महिलाओं से बातचीत कर उन्हें स्थायी आय से जोड़ने के लिए हम हर तरह के प्रयास करेंगे।
महिला मंगल दल तत्ला जोहार की अध्यक्ष बिमला बयाल ने कहा कि हिमालय क्षेत्र की महिलाओं के लिए रोजगार व उत्पादन के लिए बाजार की आवश्यक्ता है, इस पर फोकस किया जाना चाहिए। इस मौकै पर दीपा देवी, कमला रावत, बीना मेहता, लक्ष्मी देवी, हेमा देवी, दीया देवी व सोबन बयाल आदि मौजूद थे।