अच्छी खबर: Uttarakhand: “घुघूति बासूति” संकलन बनेगा स्कूली पाठ्यक्रम का अंग
उत्तराखंड के परंपरागत बालगीत सीखकर बच्चे जुड़ेंगे अपनी प्रकृति और समाज से
हल्द्वानी/मुख्यधारा
हल्द्वानी स्थित सिंथिया सीनियर सेकेंडरी स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में रचनात्मक प्रयोगों के लिए जाना जाता है। अगले सत्र से इस स्कूल में उत्तराखंड की स्थानीय भाषाएं भी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनने जा रही हैं।
स्कूल के प्रधानाचार्य प्रवींद्र कुमार रौतेला ने एक बातचीत में बताया कि नई शिक्षा नीति में शामिल सुझावों के अनुसार हेम पंत ने उत्तराखंड के परंपरागत बालगीतों को संकलित करके “घुघूति बासूति” नाम से आकर्षक किताब के रूप में प्रस्तुत किया है।
यह किताब अब सिंथिया स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल की जा रही है। इस संकलन में परंपरागत लोरी, पर्वगीत, क्रीड़ागीत और पढ़ाई में सहायक गीत शामिल हैं, जो नर्सरी और प्राथमिक कक्षा के बच्चों को अपने समाज और प्रकृति से जोड़ने की सीख देते हैं।
इन बालगीतों में आसपास के परिवेश में दिखने वाले पेड़ – पौधों, पशु – पक्षियों की जानकारी है। इन गीतों के माध्यम से बच्चे खेती , पशुपालन, पारिवारिक रिश्ते और मौसम के बारे में शुरुआती ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे।
समय साक्ष्य प्रकाशन, देहरादून द्वारा प्रकाशित इस संकलन को कई शिक्षण संस्थाओं द्वारा सराहना मिल चुकी है और जिला स्तरीय शिक्षा प्रशिक्षण कार्यशालाओं में इसे शामिल किया गया है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस संकलन की सराहना की और बाल गतिविधियों का वीडियो उनके सोशल मीडिया प्रोफाइल पर भी जारी किया गया।
प्रविंद्र रौतेला Mo. 9897910482
हेम पंत Mo. 9368846300