मुख्यधारा ब्यूरो
देहरादून। प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के विरोध में भाजपा नेता कुंवर जपेंद्र सिंह की मेहनत रंग लाती दिख रही है। पहले उन्होंने फीस मामले को लेकर हाईकोर्ट में पैरवी की और अब वह अभिभावकों का पक्ष सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखेंगे।
आज सुप्रीम कोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों के फीस एक्ट के मुद्दे पर स्टे देने से इंकार कर दिया है। साथ ही कुंवर जपेंद्र सिंह को अभिभावकों का पक्ष रखने के लिए समय दिया गया है।
कुंवर जपेंद्र सिंह ने मुख्यधारा से बात करते हुए कहा कि उनका मकसद अभिभावकों को फीस मामले में न्याय दिलाना है। वह न्याय मिलने तक अपना प्रयास जारी रखेंगे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने जो मुद्दा उठाया है, वह सही है। वह दो सप्ताह के भीतर अभिभावकों का पक्ष सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखेंगे। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि निश्चिततौर पर उन्हें जीत मिलेगी।
बताते चलें कि भाजपा नेता कुंवर जपेंद्र सिंह प्राइवेट स्कूलों द्वारा लॉकडाउन में फीस लिए जाने के मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट चले गए थे। उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि स्कूल सिर्फ ट्यूशन फीस ही लेंगे, वह भी जो स्कूल ऑनलाइन पढ़ाई करवा रहे हों। उनकी अपील पर हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को भी निर्देश दिए थे कि निजी स्कूलों द्वारा ली जा रही फीस को रोका जाए।
इस पर प्रिंंसीपल प्रोगेसिव एसोसिएशन सुप्रीम कोर्ट चला गया था। इस मामले पर आज सुनवाई हुई और सुप्रीम कोर्ट ने भी उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले को यथावत रखा है।
बताते चलें कि कुंवर जपेंद्र सिंह द्वारा इस मामले में हाईकोर्ट चले जाने के बाद भाजपा ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भी दे दिया था। हालांकि उन्होंने अब अपना जवाब दे दिया है।
उनका कहना है कि अभिभावक व छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए ही वे यह मामला कोर्ट तक ले गए।
बताते चलें कि आम जन से सीधा जुड़ा हुआ फीस मुद्दे को हाईकोर्ट तक ले जाने वाले कुंवर जपेंद्र सिंह का यह कार्य प्रदेश की जनता ने खूब सराहा। ऐसे जनमुद्दा उठाने के बाद उनकी एक नई छवि प्रदेश में स्थापित हुई है।
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