देहरादून। कोरोना के खिलाफ जंग लडऩे में आर्थिक संसाधन कम पडऩे लगे हैं, ऐसी विकट परिस्थितियों में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से माननीयों/दायित्वधारियों को बर्खास्त करने की मांग की है। तर्क दिया गया है कि इससे सरकारी खजाने पर कम भार पड़ेगा, जिससे आम जनता के हित में कोरोना से बचाव व रोकथाम के लिए बेहतर फैसले लिए जा सकते हैं।
जिला कांग्रेस कमेटी टिहरी के अध्यक्ष एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विभाग के सदस्य तथा
टिहरी गढ़वाल से जिला पंचायत सदस्य अमेंद्र बिष्ट ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से पत्र भेजकर अनुरोध किया है कि वर्तमान हालात को देखते हुए प्रदेश में तमाम दायित्वधारियों को बर्खास्त किया जाना प्रदेशहित में है।
बिष्ट ने कहा है कि देश-दुनिया कोविड-19 कोरोना वाइरस की चपेट में है। अपने राज्य उत्तराखंड में भी हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। वित्तीय खजाना खाली हो रहा है। कर्मचारियों के वेतन-भत्तों में कटौती की जा चुकी है। विधायकों की विकास निधि और मानदेय में भी कटौती की गई है। राष्ट्रीय आपदा के इस भयावह काल में ऐसा करना गलत नहीं है।
उन्होंने मुख्यमंत्री का ध्यान उत्तराखंड सरकार में बिना किसी काम के सरकारी खर्चों पर पल रहे दायित्वधारियों की ओर आकृष्ट किया है। उन्होंने कहा है कि सैकड़ों दायित्वधारी कैबिनेट/राज्यमंत्री का दर्जा लेकर सरकारी खजाने पर बोझ बने हुए है। हालांकि अमेंद्र बिष्ट ने कहा हर सरकार में इन माननीयों को बेवजह तैनात करने की परम्परा रही है, लेकिन आज जब हम कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं और आर्थिक संसाधन कम पडऩे लगे हैं, ऐसी विकट परिस्थितियों में इन माननीयों को बर्खास्त कर राजकोष पर पडऩे वाले भार को कम करते हुए प्रदेश हित में निर्णय लिया जाना ज्यादा उचित होगा। उन्होंने कहा है कि वर्तमान विकट हालात को दृष्टिगत रखते हुए आपका यह निर्णय ऐतिहासिक और व्यापक प्रदेश हित में रहेगा।
बहरहाल, अमेंद्र बिष्ट जैसे युवा नेता का सुझाव प्रदेश की आम जनता के दिलो-दिमाग में तो सटीक बैठ रही है, लेकिन अब देखना यह होगा कि इस सुझाव पर प्रदेश की त्रिवेंद्र सरकार आम जन के हित को देखते हुए क्या निर्णय ले पाती है!
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Thu Jun 4 , 2020