मोरी: क्षतिग्रस्त चारा नर्सरी (Damaged Fodder Nursery) की सुरक्षा व उत्तम प्रजाति की घास के रोपण की मांग
नीरज उत्तराखंडी/मोरी
भेड़ बाकरी पालन के प्रसिद्ध मोरी ब्लाक में सीमांत गांवों में चारा नर्सरी की उचित व्यवस्था न होने से स्रर्दी के मौसम में पशु पालकों को चारे के संकट से जूझना पड़ता है।
इस संबंध में ढाटमीर गांव के पशुपालक एवं सरपंच वन पंचायत ज्योति सिंह रावत ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखकर विभाग द्वारा 5 वर्ष पूर्व निर्मित चारा नर्सरी में उत्तम प्रजाति की घास रोपण सहित जंगली व आवारा पशुओं से नर्सरी की सुरक्षा के लिए घेरवाड़ किए जाने की मांग की है।
पशु चिकित्सा अधिकारी को लिखे अनुरोध पत्र पर कहा गया है कि ढाटमीर गांव में 200 परिवार निवास करते है, जिनका व्यवसाय पशुपालन है गांव में 5500 भेड़ बकरियां 600 गाय भैंस घोड़े खच्चर आदि पालतु पशु है। सर्दी के सीजन में पशुओं पालकों को पशुओं के लिए चारा जुटाने के संकट से दो चार होना पड़ता है।
विभाग द्वारा 5 वर्ष पूर्व गांव में एक चारा नर्सरी का निर्माण किया गया था, लेकिन सुरक्षा के लिए घेरवाड़ की व्यवस्था न होने वर्तमान समय में नर्सरी विरान पड़ी है।
उन्होंने नर्सरी में उचित प्रजाति की घास बोने तथा सुरक्षा व्यवस्था के लिए घेरवाड़ किए जाने की मांग की है। जिससे जाड़े के मौसम में पशु पालकों को नर्सरी से मिल सके।
पशु चिकित्सा अधिकारी भी चारा नर्सरी की सुरक्षा किए जाने के लिए संस्तुति कर चुके हैं।