सियासत: राजस्थान में वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) को लेकर सीएम गहलोत व सचिन पायलट के बीच शुरू हुई सियासी लड़ाई
मुख्यधारा डेस्क
राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सियासी लड़ाई एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के नेता वसुंधरा राजे की तारीफ की थी। इसके साथ सीएम गहलोत ने अपने ही विधायकों पर कई गंभीर आरोप भी लगाए थे।
अशोक गहलोत ने आरोप लगाया है कि सचिन पायलट गुट के नेताओं ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से पैसे लिए हैं।
गहलोत के इस आरोपों के बाद उनके प्रतिद्वंदी सचिन पायलट ने आज राजधानी जयपुर में पलटवार किया है।
पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस के बड़े नेता सचिन पायलट ने प्रेस कांफ्रेंस की है। मुख्यमंत्री की बातों से लगता है कि उनकी नेता वसुंधरा राजे हैं, सोनिया गांधी नहीं। अपने नेताओं को खुश करने के लिए बहुत सारे लोग बहुत सारी बातें करते हैं, चुगली करते हैं। ऐसी बातें मुझसे भी की जाती हैं, लेकिन मैं मंच पर ये कहूं तो यह शोभा नहीं देता है। पायलट ने कहा, ‘हमने दिल्ली जाकर अपनी बात कही।
वसुंधराजी के भ्रष्टाचार पर कई महीनों से चिट्ठियां लिखीं। अनशन पर बैठा। अब भी जांच नहीं हुई। समझ में आ रहा है क्यों एक्शन नहीं लिया। अब मैं नाउम्मीद हूं। जनता ही भगवान है। सचिन पायलट ने आगे कहा कि उन्हें पहले भी ‘कोरोना’, ‘गद्दार’ और ‘निकम्मा’ तक कहा गया है।
अशोक गहलोत ने जो आरोप लगाए, वह पहले कई बार लगाए जा चुके हैं, लेकिन सार्वजनिक तौर पर हम कुछ नहीं कहना चाहते थे। अशोक गहलोत के भाषण ने कांग्रेस के नेताओं का अपमान किया और बीजेपी के नेताओं का गुणगान किया। उन्होंने ऐसा क्यों किया, ये समझ से परे है।
सचिन पायलट ने आगे कहा कि सीएम गहलोत ने ऐसे विधायकों पर आरोप लगाए, जो राजनीति में 40-45 साल से काम कर रहे हैं। उनके क्षेत्र के लोग जानते हैं कि वह कैसे नेता हैं, कैसा काम करते हैं। ऐसे विधायकों पर इल्जाम लगाना गलत है।
जब-जब वसुंधरा राजे के काल में करप्शन की बात करता हूं, पेपर लीक आदि की बात करता हूं तो जवाब ही नहीं मिलता। इसलिए मैंने फैसला लिया है कि 11 तारीख को अजमेर से एक यात्रा निकालूंगा। जनता के बीच जाकर जनता की आवाज सुनेंगे और जनता के मुद्दों को उठाेंगे। नौवजानों के मुद्दों को उठाकर जन संघर्ष यात्रा निकालने जा रहे हैं, जो लगभग 125 किलोमीटर लंबी होगी।