देहरादून। वरिष्ठ समाजसेवी योगेश राघव को कोरोनाकाल में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए कोरोना सम्मान दिया गया है। उन्होंने 40 प्रवासियों को उनके गंतव्यों तक पहुंचाने में मदद की थी। इसके अलावा उन्होंने लॉकडाउन में सैकड़ों गरीब व असहाय लोगों को खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई। समाजसेवा के प्रति उनके जुनून का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि वे स्वयं डायबिटीज पैशेंट हैं। बावजूद इसके स्वयं की परवाह न करते हुए गरीबों और असहायों की सेवा में वे जुटे हुए हैं। श्री राघव से आज की युवा पीढ़ी को भी नई प्रेरणा मिलती है।
क्राइम कंट्रोल एंड रिसर्च संगठन ने वरिष्ठ समाजसेवी योगेश राघव की नि:स्वार्थ भाव से की गई समाज सेवा को सम्मान दिया है। इस सम्मान ने जहां जौलीग्रांट और आस-पास के क्षेत्रों का मान बढ़ाया है, वहीं राघव की सेवाभाव की खूब सराहना हो रही है।
बताते चलें कि कोरोना संकट में योगेश राघव ने स्वयं की परवाह न करते हुए गरीब, असहायों व भूखे पेट सो रहे मजदूरों की चिंता को दूर करने का प्रयास किया। जितना भी उनसे संभव हो पाया, उन्होंने अपना सौ फीसदी देने का प्रयास किया। इसी उत्कृष्ट कार्यो के चलते उन्हें कोरोना योद्धा जैसा गौरवमयी सम्मान हासिल हुआ है।
योगेश राघव ने 40 प्रवासियों को उनके गंतव्यों तक पहुंचाने में मदद की। इसके अलावा सैकड़ों जरूरतमंद लोगों को खाघ सामाग्री उपलब्ध कराई। साथ ही अनेकों जरूरतमंद लोगों की आर्थिक रूप से और एक दिव्यांग परिवार को गोद भी लिया।
गौरव राघव के बारे में मुख्यधारा के पाठकों को भी बताते चलें कि वह विगत कई वर्षों से प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अभियान चलाए हुए हैं। उनके समाज के प्रति नि:स्वार्थ भाव से की जा रही सेवा को देखते हुए क्राइम कंट्रोल एंड रिसर्च संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप डोबरियाल ने स्वयं योगेश राघव के घर पहुंच कर फूल मालाओं एवं शॉल ओढ़ाकर योगेश राघव की माता उर्मिला राघव के द्वारा ही उन्हें कोरोना योद्धा सम्मान व सर्टीफिकेट देकर सम्मानित किया।
योगेश राघव बताते हैं कि यह क्षण उनके जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण था । यह सम्मान उन्हें उनकी माता जी उर्मिला राघव तथा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप डोबरियाल के हाथों से प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। कोरोना योद्धा सम्मान के लिए समाजसेवी योगेश राघव ने क्राइम कंट्रोल एंड रिसर्च संगठन का आभार व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने कहा कि इस सम्मान के बाद समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी और बढ़ गई है। वह समाजसेवा में हमेशा अपना सौ फीसदी देने का प्रयास करेंगे।