कोरोना महामारी के संकट काल में शिक्षक सुरेश वर्मा ने पेश की मान सेवा की मिसाल
नीरज उत्तराखंडी
आमतौर शिक्षकों के बारे में एक धारणा सी बन गई है कि वे अत्यंत मितव्ययी होते हैं। यहाँ तक की अखबार तक खरीदने से परहेज करते हैं, लेकिन सभी को एक लाठी से हांकना ठीक नहीं है।
कोरोना संक्रमण काल में जब पूरा विश्व मुसीबत से जूझ रहा है और सभी परेशान हैं, लेकिन जिनके जेहन में मानवता के लिए स्थान होता है, वे मौका मिलने पर यथासंभव सहयोग एवं सहायता करने से नहीं चुकते हैं। ऐसा ही कुछ किया मोरी में तैनात एक शिक्षक ने।
जनपद उत्तरकाशी के विकासखण्ड मोरी के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय देवजानी में कार्यरत सहायक अध्यापक सुरेश कुमार वर्मा ने कोरोना महामारी के संकट काल में किराए की समस्या से जूझ रहे अपने किरायेदार का एक माह का किराया माफ कर इंसानियत की मिसाल पेश की है।
पुरोला कुमोला मोटर मार्ग पर स्थित शिक्षक सुरेश कुमार वर्मा के यहां किराये में रह रहे कुलदीप ने बाताया कि कोरोना महामारी के संकटकाल में उनकी दुकान चार माह से बंद है, जिसके चलते उसके सामने किराये के भुगतान का संकट आ खड़ा हुआ। जब उन्होंने मकान मालिक को अपनी समस्या बताई तो मकान मालिक शिक्षक सुरेश कुमार वर्मा ने अपने पिता के आवासीय भवन में रह रहे किरायेदार का एक महीने का किराया बिजली पानी के बिल सहित 6000 रुपये माफ कर मानवता की मिसाल पेश की।
उम्मीद की जानी चाहिए कि उनके इस परोपकार के कार्य से अन्य लोग भी प्रेरणा लेकर आर्थिक रुक से परेशान व मजबूर किरायेदारों की यथासंभव सहायता कर प्रेरणा लेंगे।
शिक्षक सुरेश वर्मा का कहना है कि उन्होंने अपने कर्तव्य का पालन किया है। आपदा की घड़ी में इंसानियत की परीक्षा होती है। उनसे जो संभव हुआ वह किया।