देहरादून। भाजपा नेता कुंवर जपेंद्र सिंह की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद दिए गए फैसले के बाद सोमवार को शासन ने नया शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में कहा गया है कि निजी स्कूल इस सत्र में फीस नहीं बढ़ाएंगे और न ही फीस देने में देरी होने पर किसी छात्र का नाम काटा जाएगा।
सोमवार को सचिव शिक्षा आर मीनाक्षी सुंदरम द्वारा जारी शासनादेश के अनुसार ऑनलाइन पढ़ाई कराने वाले निजी स्कूल ट्यूशन फीस ले सकते हैं। कहा गया है कि यदि किसी को फीस देने में देरी हो जाती है तो इस कारण से बच्चे का नाम नहीं काटा जा सकता। आदेश में कहा गया है कि लॉकडाउन के दइौरान स्कूलों को अपने शिक्षकों व अन्य स्टाफ को वेतन देना है। ऐसे में ऑनलाइन पढ़ाई कराने वाले स्कूल ट्यूशन फीस ले सकते हैं। हालांकि वे केवल एक माह की फीस ही ले सकेंगे। यदि स्कूलों द्वारा अतिरिक्त विषय भी पढ़ाया जाता है तो उसकी फीस भी ली जा सकती है। ये नियम सभी शासकीय, अशासकीय, आर्थिक मदद प्राप्त और निजी बोर्डिंग व अन्य सभी निजी स्कूलों पर लागू होगा।
बताते चलें कि इससे पूर्व भी शासन ने इसी तरह का शासनादेश जारी किया था, लेकिन उसके बाद भी कुछ निजी स्कूलों की शिकायत आई थी वे मैसेज के द्वारा फीस का दबाव बना रहे थे इस पर भाजपा नेता कुंवर जपेंद्र सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार को दोबारा से इस मामले को दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे।
इस बीच निजी स्कूल संचालक सुप्रीम कोर्ट चले गए। इस पर सुप्रीम कोर्ट में भी एक बार सुनवाई हो चुकी है और उन्होंने भाजपा नेता कुंवर जपेंद्र सिंह को अभिभावकों की ओर से अपना पक्ष रखने के लिए समय दिया है।
बताते चलें कि कुंवर जपेंद्र सिंह की इस मुहिम में उन्हें प्रदेशभर से खासी सराहना मिली है।
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