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प्रदूषण (Pollution): दिल्ली-एनसीआर में खतरनाक हुई जहरीली हवा, सड़कों पर लोगों का घुट रहा दम, कुछ दिनों तक नहीं मिलेगी राहत

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प्रदूषण(Pollution): दिल्ली-एनसीआर में खतरनाक हुई जहरीली हवा, सड़कों पर लोगों का घुट रहा दम, कुछ दिनों तक नहीं मिलेगी राहत

मुख्यधारा डेस्क

कई दिनों से दिल्ली एनसीआर में जहरीली हवा के बाद जानलेवा प्रदूषण से लोगों का दम घुट रहा है। घरों से लेकर सड़कों पर लोग जहरीली हवा में जीने को मजबूर हैं। शनिवार को दिल्ली-एनसीआर की हवा और जहरीली हो गई है। सड़कों पर जहरीला खतरनाक अंधेरा लोगों को बीमार कर रहा है। वायु प्रदूषण से बच्चों और बुजुर्गों में अस्थमा और फेफड़ों संबंधी समस्या बढ़ रही है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्राइमरी तक के स्कूलों को दो दिनों तक बंद रखने की घोषणा की है। प्रदूषण के अति गंभीर श्रेणी में पहुंचने के कारण अनेक लोग सुबह की सैर और खेल समेत खुले में की जाने वाली अपनी गतिविधियों को टालने के लिए मजबूर हुए हैं। हवा का स्तर ‘गंभीर’ कैटेगरी में बना हुआ है। शनिवार सुबह दिल्ली में ओवरऑल एयर क्वालिटी इंडेक्स 504 रहा। वहीं, इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयर पोर्ट में 571, धीरपुर में 542, नोएडा में 576 और गुरुग्राम में 512 ओवरऑल एयर क्वालिटी इंडेक्स दर्ज किया गया।

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वहीं दो दिनों से गैस चेंबर में तब्दील एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के कारण शुक्रवार को दिल्ली, फरीदाबाद व ग्रेटर नोएडा में एयर इंडेक्स 450 रहा। इस वजह से इन शहरों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक श्रेणी में पहुंच गई। इससे लोगों के सांस पर आफत बढ़ गई है। हरियाणा के कई हिस्सों में शुक्रवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया, जबकि पड़ोसी पंजाब के कुछ हिस्सों में यह ‘खराब’ श्रेणी में रहा।

फिलहाल प्रदूषण से खास राहत मिलने की संभावना नहीं है। इस वजह से एक-दो दिनों में ग्रेप के चौथे चरण के प्रतिबंध भी लागू किए जा सकते हैं। दिल्ली सरकार ने बढ़ते प्रदूषण को लेकर केंद्र से इमरजेंसी मीटिंग बुलाने की मांग की है।

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दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शनिवार को कहा- मैं केंद्र सरकार को लेटर लिख रहा हूं। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को तुरंत पांचों राज्यों दिल्ली, यूपी, पंजाब, राजस्थान और हरियाणा के पर्यावरण मंत्रियों के साथ तुरंत मीटिंग करनी चाहिए। दिल्ली में खराब हवा में सांस लेना हाल के वर्षों में मुश्किल हो गया है।

आमतौर पर दिल्ली में अक्टूबर से हवा खराब होनी शुरू हो जाती है। नवंबर, दिसंबर और जनवरी में ये पीक पर होती है। सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि एनसीआर और पड़ोसी राज्यों- हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भी सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण बढ़ जाता है। वायु प्रदूषण की कोई एक वजह नहीं है। इसकी कई सारी वजहें हैं। दिल्ली और आसपास के इलाकों में पटाखों की वजह से भी सर्दियों में प्रदूषण बढ़ जाता है। दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध होने के बावजूद लोग पटाखे जलाते हैं।

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समिति ने रिपोर्ट में बताया था कि सस्ते पटाखों से जहरीली गैसें निकलती हैं, जिससे प्रदूषण बढ़ता है। हर साल अक्टूबर-नवंबर में पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान पराली जलाते हैं। पराली जलाने से हवा में PM10 और PM2.5 की मात्रा बढ़ जाती है।

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