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उत्तरकाशी टनल हादसा : उत्तरकाशी में टनल (Tunnel) के अंदर फंसे 40 मजदूरों को बचाने के लिए जद्दोजहद जारी, 50 घंटे रेस्क्यू के बाद नहीं मिली सफलता

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उत्तरकाशी टनल हादसा : उत्तरकाशी में टनल (Tunnel) के अंदर फंसे 40 मजदूरों को बचाने के लिए जद्दोजहद जारी, 50 घंटे रेस्क्यू के बाद नहीं मिली सफलता

उत्तरकाशी/मुख्यधारा

दीपावली के दिन रविवार सुबह उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल के धंसने से 40 मजदूर अभी भी फंसे हुए हैं। इन मजदूरों को सकुशल निकालने के लिए दो दिन से लगातार रेस्क्यू अभियान जारी है। लेकिन अभी तक कोई अच्छी खबर सामने नहीं आई है।

चारधाम प्रोजेक्ट के तहत यह टनल ब्रह्मकमल और यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच बनाई जा रही है।

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हुए टनल हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन युद्ध स्तर पर जारी है। बता दें कि इस टनल हादसे को 50 घंटों से ज्यादा का समय बीच चुका है। लगातार गिर रहा मलबा परेशानी बढ़ा रहा है। इन श्रमिकों को निकालने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है।

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देहरादून से ऑगर ड्रिलिंग मशीन रात तीन बजे पहुंची। इस मशीन को स्थापित करने का कार्य चल रहा है। श्रमिकों को निकालने के लिए हरिद्वार बादराबाद से 900 एमएम के पाइप भी पहुंच गए हैं। टनल में फंसे मजदूरों तक आज पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।

टनल के अंदर झारखंड के 15, उत्तर प्रदेश के 8, ओडिशा के 5, बिहार के 4, पश्चिम बंगाल के 3, उत्तराखंड के 2, असम के 2 और हिमाचल प्रदेश का एक मजदूर शामिल है।

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एनडीआरएफ एसडीआरएफ आइटीबीपी और नेशनल हाईवे के 200 से ज्यादा लोग पिछले दो दिन से रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हुए हैं। बचाव कार्य देखने पहुंचे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बताया- सभी मजदूर सुरक्षित हैं, उनसे वॉकी-टॉकी के जरिए संपर्क किया गया है। खाना-पानी पहुंचाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए जिस भी चीज की जरूरत होगी, हम उसे जल्द से जल्द मुहैया कराएंगे। भगवान के आशीर्वाद और लोगों के प्रयास से मुझे विश्वास है कि फंसे लोग जल्द सुरक्षित बाहर आ जाएंगे। सुरंग के पास एक अस्थायी अस्पताल बनाया गया जिसमें छह बेड का अस्पताल स्थापित किए गए हैं। मौके पर चौबीसों घंटे मेडिकल टीमों सहित 10 एम्बुलेंस को तैनात किया गया है।

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