नीरज उत्तराखंडी/पुरोला
“जिस थाली में खाया उसी में छेद कर दिया” यह कहावत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पुरोला में एनआरएचएम कार्यक्रम के अंतर्गत तैनात एक स्वास्थ्य कर्मचारी पर सटीक बैठती है। जिसने कोरोना वैश्विक महामारी के संकट काल में लगे लाॅकडाऊन का फायदा उठाकर कथित स्वास्थ्य विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा कर जमीन को समतल कर टिन शेड का निर्माण कर करने की योजना बना कर एक टीन शेट अपने उज्ज्वल भविष्य की नींव रख दी।
बताया जा रहा है कि विभागीय कर्मचारी ने विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा कर तथा पेड़ों को काटकर भवन निर्माण शुरू कर दिया है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की नींद देर से खुली और विभागीय अधिकारी ने उपजिला अधिकारी से मामले की शिकायत कर कार्यवाही की मांग की है।
अब देखना यह है कि प्रशासन अवैध कब्जा करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारी पर क्या कार्रवाई करता है।
बहरहाल, एसडीएम ने राजस्व उपनिरीक्षक को मामले की जांच करने के निर्देश दिये हैं।
दूसरी ओर मामले से संबधित कर्मचारी का कहना है कि उक्त जमीन स्वास्थ्य विभाग के नाम नहीं है, वह बंजर जमीन है, जिसके पट्टा आवंटन की प्रक्रिया उनके नाम चल रही है।
सूत्रों के मुताबिक पुरोला में कई ऐसे और भी मामले हैं जो खुद को भूमिहीन बताकर बंजर जमीन के पट्टे बनाने की फाइल बनाकर पट्टे आवंटन की प्रक्रिया पूरी किये बिना ही प्रस्तावित जमीन पर भवन निर्माण कर लिए गये हैं। यदि ऐसे मामलों की निष्पक्ष जांच होती है तो कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।