देहरादून। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने गुरुवार को हरेला पर्व के अवसर पर राजभवन में ग्रामीण महिलाओं के उपयोगार्थ हल्दी, घृतकुमारी, तुलसी, गिलोय, लेमन ग्रास जैसे औषधीय पौधे वितरित किये। राज्यपाल ने कहा कि यह पांच पौधे हर घर में होने चाहिए। राज्यपाल ने राजभवन परिसर में ‘मौल श्री’ और ‘आल स्पाइसेस’ का रोपण भी किया।
इस अवसर राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि स्थिति सामान्य होने पर वे राजभवन में राज्यभर से ग्रामीण महिलाओं को बुलाकर उनसे पर्यावरण संरक्षण, ग्रामीण आर्थिकी और स्वरोजगार पर संवाद करेंगी।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये राज्यपाल राज्यपाल ने कहा कि हरेला पर्व उत्तराखण्ड की लोक परम्पराओं तथा लोक संस्कृति से जुड़ा पर्यावरण संरक्षण का महोत्सव है। हरेला पर्व के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश मिलता है। राज्यपाल ने कहा कि वृक्षारोपण के समय औषधीय व स्वास्थ्यवर्द्धक पौधों के रोपण को विशेष महत्व दिया जाना चाहिये। कोविड-19 की वैश्विक महामारी के दौर में पारम्परिक औषधीय पौधो का उपयोग तथा महत्व बढ़ गया है।
उन्होंने कहा कि हमारे यहां दैनिक प्रयोग में लाये जाने वाले कई मसाले हल्दी, धनिया, काली मिर्च, जीरा, अजवाइन आदि अत्यंत गुणकारी होते हैं।
इसी प्रकार हमारे यहाॅ गिलोय, नीम, हल्दी, आंवला, घृतकुमारी जैसे औषधीय गुणों से युक्त कई पौधे होते हैं। अधिकांश पौधे घरों के किचन गार्डन, गमलों में आसानी से उगाये जा सकते हैं। श्रीमती मौर्य ने ग्रामीण एवं शहरी महिलाओं का आह्वान करते हुये कहा कि कहा कि हरेला के अवसर पर औषधीय पौधों के महत्व के प्रति जागरूकता लाने के लिए हमारी बहिनें इन पौधों की गुणवत्ता को पहचानें और इन्हें अपने उपयोग में लायें।