Header banner

कल्पना चावला (Kalpana Chawla) की उपलब्धियों से महज महिलाओं को प्रेरणा ही नहीं,बल्कि भारत के लिए गौरव

admin
k

कल्पना चावला (Kalpana Chawla) की उपलब्धियों से महज महिलाओं को प्रेरणा ही नहीं,बल्कि भारत के लिए गौरव

harish

डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला

विश्व की महिलाएं धरती से आसमान तक अपने हुनर, काबिलियत का परचम लहरा रही हैं। भारतीय महिलाओं की बात करें तो राजनीति से लेकर औद्योगिक क्षेत्र तक, कला क्षेत्र से लेकर खेल जगत जगत तक हर क्षेत्र में दमदार भूमिका में हैं। वर्तमान में महिलाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा देने में इतिहास की कुछ दमदार महिलाओं की भूमिका अहम रही। आज हम चांद और मंगल ग्रह पर रहने की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन अंतरिक्ष में रहने के सपने दिखाने वालों में एक भारतीय मूल की एक महिला भी शामिल है। इस महिला का नाम कल्पना चावला है। कल्पना चावला पहली भारतीय मूल की महिला थीं, जिन्होंने अंतरिक्ष तक का सफर तय किया था। उनकी इस उपलब्धि से महज महिलाओं को प्रेरणा नहीं मिली, बल्कि भारत के लिए गौरव और विश्व के लिए ऐतिहासिक पल बन गया। 1फरवरी को कल्पना चावला की पुण्यतिथि है।

यह भी पढें : वरिष्ठ आईएएस अधिकारी राधा रतूड़ी (Radha Raturi) ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव के रूप में संभाला कार्यभार, पत्रकारिता से शुरू किया था करियर

वर्ष 2003 में कल्पना चावला का निधन तब हुआ जब कोलंबिया स्पेस शटल उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और यान में सवार सभी अंतरिक्ष यात्रियों की मौत हो गई। हरियाणा के करनाल में 17 मार्च 1962 को कल्पना चावला का जन्म हुआ। उनके पिता का नाम बनारसी लाल चावला था और माता संज्योती चावला थीं। कल्पना सबसे छोटी थीं। उनकी शुरुआती शिक्षा करनाल में ही टैगोर बाल निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल में हुई।कल्पना चावला का बचपन से ही पसंदीदा विषय विज्ञान रहा था। वह एक फ्लाइट इंजीनियर बनना चाहती थीं। इसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए कल्पना ने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया और एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। इस दौरान उन्हें नौकरी के ऑफर भी मिले।

यह भी पढें : बजट पेश : इस बार अंतरिम बजट (interim budget) के पिटारे में न राहत मिली न बोझ बढ़ा, देशवासियों को जुलाई तक करना होगा इंतजार, जानिए वित्त मंत्री ने क्या-क्या घोषणाएं की

लेकिन वह आगे की पढ़ाई के लिए महज 20 साल की उम्र में अमेरिका चली गईं। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में कल्पना ने दाखिला लिया और दो साल की पढ़ाई के बाद एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की। उन्होंने वर्ष 1986 में दूसरी मास्टर्स डिग्री हासिल की। बाद में 1988 में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी कर लिया। अब तक कल्पना ने तय कर लिया था कि उन्हें अंतरिक्ष पर जाना है। उनके पास अब कमर्शियल पायलट का लाइसेंस भी था और कल्पना एक सर्टिफाइड फ्लाइट इंस्ट्रक्टर बन चुकी थीं। इस दौरान उन्होंने फ्रांस के जान पियरे से शादी कर ली, जो खुद एक फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर थे। वर्ष 1993 में कल्पना चावला ने पहली बार नासा के लिए अप्लाई किया लेकिन उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया। 1994 में नासा ने कल्पना का चयन अंतरिक्ष यात्री के तौर पर किया। उनकी ट्रेनिंग शुरू हुई और 1998 में अंतरिक्ष की पहली उड़ान के लिए कल्पना चावला को चुना गया। अपनी अंतरिक्ष यात्रा के दौरान कल्पना चावला ने 372घंटे बिताते हुए इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया और भारत का मान बढ़ाया।

यह भी पढें : लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी ने ली सभी नोडल अधिकारियों की बैठक

अंतरिक्ष पर जाने वाली पहली उड़ान सफल होने के बाद वर्ष 2000 में दूसरी स्पेस यात्रा के लिए कल्पना का चयन किया गया। हालांकि मिशन तीन वर्ष की देरी से हुई और वर्ष 2003 में लांच किया गया। 16  जनवरी 2003 को कोलंबिया फ्लाइट STS 107 से उड़ान भरी। लेकिन 1 फरवरी 2003 को कल्पना का अंतरिक्ष यान पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करते ही टूट गया। इस दुर्घटना में मिशन में शामिल सातों लोगों की मौत
हो गई, जिसमें कल्पना चावला भी शामिल थीं। उनकी उपलब्धियों ने उनका नाम हमेशा के लिए अमर कर दिया! लेखक, के व्यक्तिगत विचार हैं

(लेखक दून विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं )

Next Post

डीएम ने जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के अंतर्गत संचालित कार्यो की ली समीक्षा बैठक।

डीएम ने जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के अंतर्गत संचालित कार्यो की ली समीक्षा बैठक। लंबित परियोजनाओं को प्रत्येक दशा में मार्च 2024 तक पूर्ण करने के दिए निर्देश। जनपद चमोली के 6-ब्लाकों में 100 प्रतिशत एफएचटीसी का कार्य […]
c 1 4

यह भी पढ़े