विकासनगर। एक प्रसिद्ध कहावत है कि,- “जाको राखे साइयां, मार सके न कोय।” इसका अर्थ यह है कि जिसके साथ ईश्वर होता है, उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। संपूर्ण सृष्टि ईश्वर निर्मित है। उन्होंने ही संपूर्ण ब्रह्माण्ड का निर्माण किया है। विभिन्न ग्रह, पृथ्वी, समुद्र, पर्वत, नदियाँ, विभिन्न प्राणी, मनुष्य आदि सभी उन्हीं की रचना है। जड़–चेतन सभी उन्हीं की इच्छा के परिणाम हैं। अत: उनकी इच्छा के बगैर कोई भी किसी का बाल बांका नहीं कर सकता। यह कहावत आज देहरादून जनपद के डाकपत्थर क्षेत्र में सटीक बैठती है। यहां एक मां ने अपनी नवजात शिशु को नाले में फेंक दिया था, लेकिन कुदरत का करिश्मा देखिए कि बरसात के मौसम में भी उस नाली पर पानी नहीं था और न ही इस दौरान आसमान से बदरा बरसे, जिसके कारण एक नवजात शिशु की जान बच गई।
आज सुबह एक ऐसी ही निर्दयी मां ने अपनी नवजात शिशु को डाकपत्थर चौकी के अंतर्गत पीएनबी के सामने स्थित एक नाले में उसके हाल पर छोड़ दिया। जब वहां से कुछ महिलाएं मॉर्निंग वॉक करते हुए जा रही थी तो उनको नाले से बच्चे के रोने की आवाज आई। इस पर वह नाली की ओर दौड़ी तो वहां देखा कि नाली के भीतर एक जगह नवजात शिशु रो रहा है। इस पर उन्होंने पुलिस को मौके पर बुला दिया। नवजात को पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया है। बताया जा रहा है कि वह बिल्कुल स्वस्थ है।
गनीमत यह रही कि नाले में पानी नहीं था और न ही इस दौरान बारिश हुई, जिस कारण नवजात सुरक्षित रह पाया।
डाकपत्थर पुुलिस के अनुसार नवजात अस्पताल में स्वस्थ है। चाइल्ड केयर कमेटी इस मामले में तय करेगी कि नवजात को किसको सौंपा जाना है। नवजात के परिजनों की तलाश की जा रही है।
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