अजब-गजब: कैबिनेट मंत्री के निजी सचिव के नौकर के घर से इस राज्य में ईडी ने बरामद किए 25 करोड़ रुपए, कार्रवाई जारी
मुख्यधारा डेस्क
लोकसभा चुनाव के दौरान आज प्रवर्तन निदेशालय ने झारखंड की राजधानी रांची में कई ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान करोड़ों का कैश भी बरामद हुआ है। झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के नौकर के घर ईडी ने भारी नकदी जब्त हुई है। अभी तक 25 करोड़ से अधिक नगदी बरामद हो चुकी है। नोट गिनने वाली मशीनें मंगाई गई है। इस छापेमारी के बाद अब आलमगीर आलम का नाम चर्चा में आ गया है। इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ओडिशा के नबरंगपुर में एक रैली के दौरान कहा कि मैं रुपया एक भेजूंगा तो भी खाने नहीं दूंगा। जो खाएगा वो जेल जाकर खाना खाएगा। जेल की रोटी चबाएगा। पीएम ने कहा कि आज घर जाओगे तो टीवी पर देखना आज झारखंड में नोटों के पहाड़ पाए जा रहे हैं।
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पीएम ने कहा कि मोदी माल पकड़ रहा है। उन्होंने लोगों से पूछा कि अब मुझे बताओ, क्या मैं उनकी चोरी बंद कर दूं, उनकी कमाई बंद कर दूं। उनकी लूट बंद कर दूं, वो मोदी को गाली देंगे कि नहीं देंगे? लेकिन मुझे ये काम करना चाहिए या नहीं? मुझे आपके हक का पैसा बचाना चाहिए या नहीं। झारखंड की पाकुड़ विधानसभा सीट से चार बार विधायक रहे आलमगीर आलम झारखंड सरकार में दूसरी बार मंत्री बने हैं। इससे पहले आलमगीर आलम 20 अक्तूबर 2006 से 12 दिसम्बर 2009 तक झारखंड विधानसभा अध्यक्ष पद पर आसीन थे। आलमगीर आलम 2019 में पहली बार मंत्री बने। उन्होंने 29 दिसंबर 2019 को महागठबंधन के हेमंत सोरेन की सरकार में मंत्री पद की शपथ ली। सोरेन सरकार में उन्हें संसदीय कार्य और ग्रामीण विकास विभाग की जिम्मेदारी दी गई। इससे पहले 20 अक्टूबर 2006 से 12 दिसंबर 2009 तक झारखंड विधानसभा अध्यक्ष पद पर आसीन थे। आलमगीर आलम ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1978 में गृह पंचायत महराजपुर से सरपंच पद का चुनाव जीतने के साथ शुरू की थी। ईडी की यह कार्रवाई चर्चित अभियंता वीरेंद्र राम से जुड़े मामले में की है।
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इस पूरे मामले की शुरुआत 10 हजार रुपये से शुरू हुई और अब बात करोड़ों रुपये के कैश तक जा पहुंची है। इससे पहले भी ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता रहे वीरेंद्र राम के आवास से करोड़ों रुपये कैश और कई बेनामी संपत्ति को जब्त किया जा चुका है। ईडी ने पिछले साल फरवरी महीने में भी मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम के 24 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस छापेमारी के दौरान मिले दस्तावेज के आधार पर उनसे पूछताछ शुरू हुई, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। झारखंड के इस मुख्य अभियंता के ठिकानों से 30 लाख रुपये के अलावा 1.50 करोड़ रुपये जेवरात मिले थे। इसके अलावा ईडी को उनके 100 करोड़ रुपये से अधिक की चल-अचल संपत्ति का भी पता चला था। बता दें कि झारखंड में आईएएस पूजा सिंघल के घर दो साल पहले ईडी ने छापेमारी की थी। खनन से जुड़े मामलों में यह छापेमारी की गई थी, जिसके बाद ईडी ने पूजा सिंघल को झारखंड के कुछ जिलों में मनरेगा के वित्तीय गबन के आरोप में गिरफ्तार किया था सिंघल 11 मई, 2022 से हिरासत में हैं। 2000 बैच की आईएएस अधिकारी के अलावा, उनके व्यवसायी पति, दंपति से जुड़े एक चार्टर्ड अकाउंटेंट और अन्य पर भी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत ईडी ने छापा मारा था।
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