परीक्षा में गड़बड़ी मामला : नहीं रद होगी नीट (NEET) की प्रवेश परीक्षा और काउंसलिंग, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला
मुख्यधारा डेस्क
देश की शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट ने नीट प्रवेश परीक्षा के मामले में मंगलवार को अहम फैसला सुनाया। मेडिकल में दाखिले से जुड़ी नीट (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस एग्जाम) परीक्षा में गड़बड़ी के मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।
सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर नीट-यूजी 2024 को रद करने की मांग की गई। हालांकि कोर्ट ने परीक्षा रद करने की मांग को खारिज कर दिया। वहीं कोर्ट ने कहा कि काउंसलिंग भी रद नहीं की जाएगी। सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को फटकार भी लगाई। कोर्ट ने कहा कि परीक्षा की शुचिता प्रभावित हुई है।
वहीं, इस पूरे मामले पर कोर्ट ने एनटीए को नोटिस भा जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई जवाब आने के बाद 8 जुलाई को करेंगे। बता दें कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने 4 जून को नीट यूजी-2024 परीक्षा के परिणाम जारी किए थे और इसमें 67 छात्र टॉपर हैं। इसको लेकर छात्रों ने आरोप लगाया है कि रिजल्ट में व्यापक स्तर पर गड़बड़ी और अनियमितता हुई है। छात्रों ने इसके अलावा कहा कि पहले नंबर के 7 छात्र तो हरियाणा के एक ही सेंटर से आते हैं।
याचिकाकर्ताओं ने नीट यूजी परीक्षा में ग्रेस मार्क्स देने में मनमानी का आरोप लगाया है। इस संबंध में उनका तर्क है कि कई छात्रों द्वारा 720 में से 718 और 719 अंक हासलि करना स्टैटिकली असंभव है । उनका आरोप है कि परीक्षा में देरी के चलते ग्रेस मार्क्स देना कुछ छात्रों को पिछले दरवाजे से प्रवेश देने की दुर्भावनापूर्ण कवायद है।
याचिकाकर्ताओं ने इस बात पर भी संदेह जताया है कि एक परीक्षा केंद्र के 67 परीक्षार्थियों को पूरे 720 अंक मिले हैं। उन्होंने यह भी बताया है कि एनटीए द्वारा 29 अप्रैल को जारी प्रोविजनल आंसर-की को लेकर कई शिकायतें हैं। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी और शिक्षा मंत्रालय ने 1500 से अधिक परीक्षार्थियों के रिजल्ट की समीक्षा करने के लिए एक चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है।
मंत्रालय ने इसकी जानकारी शनिवार को दी थी। यह कमेटी ग्रेस मार्क्स पाने वाले स्टूडेंट्स के रिजल्ट की समीक्षा करेगी। वहीं इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हाल ही में कहा था कि पेपर लीक, धांधली और भ्रष्टाचार नीट समेत कई परीक्षाओं का अभिन्न अंग बन गई है। इसकी सीधी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है। अभ्यर्थियों के लिए भर्ती परीक्षाओं में भाग लेना, फिर अनेकों अनियमितताओं से जूझना, पेपर लीक के चक्रव्यूह में फंसना, उनके भविष्य से खिलवाड़ है।
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