गर्मी का कहर : तेजी से बढ़ रहे मानसून की स्पीड हुई धीमी, गर्मी से जीना मुहाल, उत्तराखंड में लू का अलर्ट, 14 जून तक हीट वेव चलेगी
उत्तर भारत में बारिश के लिए कुछ दिन और करना होगा इंतजार
मुख्यधारा डेस्क
पूरे उत्तर भारत में एक बार फिर भीषण गर्मी ने लोगों को बेहाल कर दिया है। देश के बहुत से हिस्सों में गर्मी का कहर जारी है। दोपहर में सड़कों पर निकलना मुश्किल हो गया है। सुबह से ही गर्मी का कहर जारी हो जाता है। पंखे, कूलर पूरी तरह से फेल हो गए हैं। अब उत्तर भारतीय राज्यों को मानसून का बेसब्री से इंतजार है।
30 मई को केरल में दस्तक देने के बाद मानसून की गति तेजी के साथ आगे बढ़ रही थी। गुजरात तक पहुंचे मानसून की स्पीड अब कमजोर हो गई है। जिससे उत्तर भारत के राज्यों में आने में करीब 8 दिन की देरी हो सकती है।
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में अब तक गर्मी के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। उत्तराखंड में मौसम विभाग ने लू चलने का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि 14 जून तक हीट वेव चलेगी। अगले एक हफ्ते तक मैदानी जिलों में 42 डिग्री तक और पहाड़ी जिलों में 29 डिग्री तक तापमान जा सकता है। इसके अलावा इस दौरान तेज आंधी चलने की भी संभावना भी जताई गई है।
उत्तर प्रदेश, हरियाणा, झारखंड, दिल्ली, पंजाब और उत्तरी राजस्थान में कई जगहों पर बुधवार को तापमान 45 से 47 डिग्री तक रिकॉर्ड किया गया। उत्तर प्रदेश का कानपुर 47.5 डिग्री तापमान के साथ सबसे गर्म रहा।
देश के 14 राज्यों में आज भी हीटवेव का अलर्ट जारी किया गया है। इनमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश और ओडिशा शामिल हैं। दक्षिण-पश्चिम मानसून अगले 12 घंटों के दौरान तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के कुछ और हिस्सों तक पहुंचेगा। मौसम विभाग के मुताबिक, बिहार और झारखंड में 16 से 18 जून तक मानसून के पहुंचने का अनुमान है। यह 20 से 30 जून के बीच उत्तर प्रदेश और 27 जून के आसपास दिल्ली पहुंच सकता है। अगले 4 दिन तक कोलकाता, ओडिशा, बिहार, झारखंड, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा में तेज गर्मी पड़ सकती है। पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश में 14 जून तक भारी बारिश का अनुमान है।
भारत एशिया के उन कई हिस्सों में से एक है जहां असामान्य रूप से भीषण गर्मी पड़ रही है, वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण स्थिति और खराब हो गई है। इस महीने, नई दिल्ली में कुछ स्थानों पर अब तक का सबसे अधिक तापमान 49.9 डिग्री सेल्सियस (122 डिग्री फ़ारेनहाइट) दर्ज किया गया, जबकि 44 डिग्री सेल्सियस (112 डिग्री फारेनहाइट) तक की गर्मी में पानी की कमी से जूझना पड़ा। दूसरे अधिकारी ने कहा, अगले दो हफ्तों में मध्य, उत्तरी और कुछ पश्चिमी राज्यों में बारिश सामान्य से कम होने की संभावना है। आईएमडी का कहना है कि 1 जून को सीज़न शुरू होने के बाद से भारत में सामान्य से 1% कम बारिश हुई है। इससे पहले भारत में अप्रैल और मई में तीव्र और लंबी गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल किया था। यहां तक कि उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा सहित कई राज्यों से हीटवेव से लोगों की मरने की भी खबरें आई थीं। विशेषज्ञों का कहना है कि इसके लिए प्राकृतिक रूप से होने वाली अल नीनो घटना जिम्मेदार थी, जो कि मध्य और पूर्वी प्रशांत महासागर में समुद्री सतह की असामान्य गर्मी और वातावरण में ग्रीनहाउस गैसों की तेजी से बढ़ते कंसंट्रेशन के परिणामस्वरूप होती है।