भाजपाइयों में शोक, भाजपा विधायक शैलारानी रावत ने राजनीतिक सफर की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से की थी, सीएम धामी ने प्रकट की शोक संवेदनाएं
देहरादून/मुख्यधारा
उत्तराखंड के केदारनाथ विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की विधायक शैलारानी रावत नहीं रहीं। मंगलवार रात राजधानी देहरादून स्थित मैक्स अस्पताल में उपचार के दौरान विधायक शैलारानी रावत 68 साल ने अंतिम सांस ली। अचानक भाजपा विधायक की मृत्यु के बाद प्रदेश के भाजपाइयों में शोक की लहर दौड़ गई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पौड़ी गढ़वाल के भाजपा सांसद अनिल बलूनी, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट समेत तमाम नेताओं ने शोक संवेदनाएं प्रकट की हैं। शैलारानी ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से की थी।
केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत दो दिन से मैक्स अस्पताल में वेंटिलेटर पर थीं। रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर के बाद हुई सर्जरी के बाद भी वह उबर नहीं पाईं। उनके स्वास्थ्य में थोड़ा सुधार की स्थिति में उन्हें एयर लिफ्ट कर हायर सेंटर ले जाने की तैयारी की गई थी। लेकिन उनका शरीर साथ नहीं दे रहा था। जिसके बाद मंगलवार रात उपचार के दौरान लगभग रात्रि साढ़े दस बजे उनका निधन हो गया।
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बता दें कि उत्तराखंड में वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान शैलारानी रावत गिर गई थीं। इससे उन्हें आंतरिक चोट आई थी। चोट से मांस फटने के कारण उन्हें कैंसर भी हो गया था। करीब तीन वर्ष तक चले इलाज के बाद वह स्वस्थ्य होकर अपने घर लौटी थीं। फिर से राजनीति में सक्रिय हो गईं। कुछ माह पूर्व ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ की सीढ़ियों से गिरने के कारण उनकी रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर आ गया था। परिजनों द्वारा उन्हें हायर सेंटर ले जाया गया, जहां उनकी सर्जरी की गई। दुखद ये रहा कि ये सर्जरी सफल नहीं हो पाईं। इसके बाद से उनका स्वास्थ्य लगातार खराब रहने लगा था।
केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत के निधन से इलाके में शोक की लहर है। उनका पार्थिव शरीर उनके देहरादून स्थित आवास पर ले जाया गया। आज उनका अंतिम संस्कार रुद्रप्रयाग में किया जाएगा। शैलारानी रावत दो बार की विधायक थी। वह 2012 में पहली बार कांग्रेस पार्टी से विधायक चुनी गईं। वर्ष 2017 में चुनाव प्रचार के दौरान वह फिसलकर गिर गई थीं, जिससे उन्हें गंभीर चोट लग गई थी। इसके बाद वह गंभीर बीमारी की चपेट में आ गई थीं। वह लगभग तीन साल तक अस्तपाल में भर्ती रहीं। स्वस्थ्य होने पर 2022 में फिर से विधायक निर्वाचित हुईं।
हरीश रावत की सरकार के दौरान कांग्रेस में हुई बगावत के समय शैलारानी भी पार्टी के नौ वरिष्ठ विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गईं। भाजपा ने 2017 विधानसभा चुनाव में उन्हें केदारनाथ सीट से टिकट दिया था, लेकिन वह हार गई थीं। भाजपा ने एक बार फिर 2022 में उन्हें उम्मीदवार बनाया। तब शैलारानी ने जीत दर्ज की थी।