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विरोध : बजट में बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष पैकेज दिए जाने पर विपक्ष नाराज, कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने सदन में किया हंगामा और प्रदर्शन

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विरोध : बजट में बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष पैकेज दिए जाने पर विपक्ष नाराज, कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने सदन में किया हंगामा और प्रदर्शन

मुख्यधारा डेस्क

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मंगलवार को पेश किए गए बजट में आंध्र प्रदेश और बिहार को विशेष पैकेज दिए जाने पर समूचा विपक्ष नाराज है। बुधवार को सुबह सदन शुरू होने से पहले विपक्ष के नेताओं ने संसद के बाहर केंद्र सरकार के बजट के विरोध में प्रदर्शन किया।

इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने कहा- इस बजट से 90% देश गायब है। सिर्फ बिहार और आंध्र प्रदेश को खुश किया गया है, क्योंकि यहां के मुख्यमंत्रियों के भरोसे केंद्र की सरकार चल रही है। यह मोदी सरकार बचाओ बजट है। लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद सदन में भी बजट को लेकर हंगामा हुआ। प्रश्नकाल में राज्यसभा में चर्चा के दौरान विपक्ष के नेताओं ने वॉकआउट किया। वे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ शेम-शेम का नारा लगाते हुए सदन से बाहर चले गए। आम बजट पर राज्यसभा में हो रही चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, इस बजट में दो राज्यों को छोड़कर, किसी राज्यों को कुछ नहीं मिला। ऐसा बजट मैंने कभी नहीं देखा। सिर्फ दो राज्यों की थाली में पकोड़ा दिया गया। ये कुर्सी बचाने के लिए ये सब हुआ है। हम इसकी निंदा करेंगे और इसका विरोध करते। सभी आईएनडीआई. गठबंधन इस बजट का विरोध कर रही है। अगर संतुलन नहीं होगा तो विकास कैसे होगा?

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राज्यसभा में आम बजट पर चर्चा चल रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में कहा, हर बजट में आपको इस देश के हर राज्य का नाम लेने का मौका नहीं मिलता। कैबिनेट ने वडवन पर एक बंदरगाह स्थापित करने का निर्णय लिया था। लेकिन कल बजट में महाराष्ट्र का नाम नहीं लिया गया। क्या इसका मतलब यह है कि महाराष्ट्र उपेक्षित महसूस करता है? वित्त मंत्री ने आगे कहा कि यदि भाषण में किसी विशेष राज्य का नाम लिया जाता है, तो क्या इसका मतलब यह है कि भारत सरकार के कार्यक्रम इन राज्यों में नहीं जाते हैं? यह कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष का जानबूझकर लोगों को यह आभास देने का प्रयास है कि हमारे राज्यों को कुछ भी नहीं दिया गया है। यह एक अपमानजनक आरोप है। केंद्रीय बजट के खिलाफ विपक्षी सांसदों द्वारा राज्यसभा से वॉकआउट किए जाने पर सदन के अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने कहा, “माननीय सदस्यों, आज बजट पर चर्चा सूचीबद्ध थी और मैंने विपक्ष के नेता को यह उम्मीद करते हुए मंच दिया था कि नियमों का पालन किया जाएगा। मुझे लगता है कि इसे एक चाल और रणनीति के रूप में इस्तेमाल किया गया है।

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जगदीप धनखड़ ने आगे कहा कि सदस्यों मैं आपसे दृढ़ता से निवेदन करता हूं। यदि व्यवधान और गड़बड़ी को राजनीतिक रणनीति के रूप में हथियार बनाया जाता है, जैसा कि अब किया गया है, तो लोकतंत्र गंभीर रूप से खतरे में पड़ जाएगा। संसद संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों और स्वतंत्रता का गढ़ है। मैं वास्तव में हैरान हूं कि आज और उसके बाद के दिनों में, जब हमारे पास माननीय वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट पर विचार करने का पर्याप्त अवसर होगा, तो इस उद्देश्य के लिए मेरे द्वारा दी गई सुविधा का लाभ उठाने का कोई अवसर या औचित्य नहीं था। केंद्रीय बजट पर आरजेडी सांसद मीसा भारती ने कहा,”सीएम नीतीश कुमार और जेडीयू की मांग थी कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले, उन्हें क्या मिला? उन्हें प्रधानमंत्री द्वारा सिर्फ झुनझुना और लॉलीपॉप दिया गया है ताकि वे प्रधानमंत्री बने रहें। उन्होंने आगे कहा कि युवाओं और मध्यम वर्ग के लिए कुछ भी नहीं है। रोजगार का कोई जिक्र नहीं था। यह एक कॉपी-पेस्ट और रीपैकेज्ड बजट है। बिहार विधानसभा चुनाव आ रहे हैं और यह बजट आवंटन सिर्फ एक चुनावी घोषणा है।आम बजट पर तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन ने कल पेश किए गए केंद्र सरकार के बजट को गठबंधन के लिए समझौता बताया है। उन्होंने कहा है कि इस बजट में तमिलनाडु की अनदेखी की गई है और राज्य के साथ विश्वासघात हुआ है। साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि 27 जुलाई को होने वाली नीति आयोग की बैठक में वो शामिल नहीं होंगे।

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संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, इस बजट में अधिकांश राज्यों के लिए इसमें बहुत कम है। केरल से कुछ उम्मीदें थीं, खासकर स्वास्थ्य क्षेत्र में लेकिन वे सभी पूरी नहीं हुईं। हर राज्य के पास बताने के लिए अपने-अपने मुद्दे हैं।

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा- भाजपा सरकार का बजट किसानों, गरीबों और खासकर मध्यम वर्ग के खिलाफ है। इस बजट में केंद्र सरकार ने राज्यों के साथ भेदभाव किया है, जो देश के संघीय ढांचे के भी खिलाफ है। इंडिया गठबंधन देश की जनता के साथ हो रहे हर अन्याय का डटकर मुकाबला करेगा और जनता की आवाज उठाता रहेगा। आज विपक्षी दलों के सांसदों ने इस अन्याय के खिलाफ संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया।वहीं किसान नेताओं का 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से मिलने संसद भवन स्थित उनके कार्यालय पहुंचा। किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के तत्वावधान में देशभर से 12 किसान नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल आज संसद में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से मिला।

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बैठक में कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल, अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, सुखजिंदर सिंह रंधावा, गुरजीत सिंह औजला, धर्मवीर गांधी, डॉ अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह हुड्डा और जय प्रकाश भी मौजूद थे।

 

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