Agastya chauhan: इस चक्रवाती तूफान की स्पीड के बराबर बाइक चलाकर हवा से बातें कर रहा था अगस्त्य। फिर जो हुआ, वो... - Mukhyadhara

Agastya chauhan: इस चक्रवाती तूफान की स्पीड के बराबर बाइक चलाकर हवा से बातें कर रहा था अगस्त्य। फिर जो हुआ, वो…

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Agastya chauhan: इस चक्रवाती तूफान की स्पीड के बराबर बाइक चलाकर हवा से बातें कर रहा था अगस्त्य। फिर जो हुआ, वो…

देहरादून/मुख्यधारा

दुनिया के सबसे शक्तिशाली चक्रवाती तूफान हिनामनोर की आशंका से लोग भयभीत हो गए थे। इसकी रफ्तार का अनुमान 300 किमी. से भी अधिक लगाया गया था। इस तूफान की भयानकता इतनी अधिक थी कि इससे समुद्र में 50 फीट या लगभग 15 से 17 मीटर ऊंची लहरें उठ सकती थीं। जापान में हवा की स्पीड के आधार पर 2022 में हिनामनोर तूफान को सबसे शक्तिशाली तूफान माना गया। ये बातें पढ़कर आप महसूस कर रहे होंगे कि गत दिवस यमुना एक्सप्रेस-वे पर देहरादून, उत्तराखंड के जिस बाइक रेसर एवं यूट्यूबर ने दुर्घटना में अपनी जान गंवा दी, उसकी बाइक की स्पीड कितनी अधिक रही होगी!

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जी हां! आप बिल्कुल सही अनुमान लगा रहे हैं, जिस वक्त देहरादून निवासी बाइक रेसर अगस्त्य चौहान यमुना एक्सप्रेस-वे पर यूट्यूब वीडियो के लिए हवा से बांते करते हुए फर्राटे भर रहे थे, उनकी बाइक की स्पीड 300 किमी. थी। वे अपनी इस अत्यधिक तेज गति पर बाइक से नियंत्रण खो बैठे और उनकी बाइक साइड में डिवाइडर से जबर्दस्त तरीके से टकरा गई। जिससे उनका हेलरूपी सुरक्षा कवच टूटकर चकनाचूर हो गया और उनकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।

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वे आगरा से दिल्ली की ओर जा रहे थे। इस हादसे की खबर सुनकर उनके परिजन अलीगढ पहुंचे और शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद देहरादून आ गए।

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अगस्त्य मात्र 25 साल के थे। इतनी कम उम्र में ही वे कई महंगी बाइकों के स्वामी थे। उन्हें बचपन से ही स्टंट करने का शौक था। इस कारण अक्सर उनके परिजन भी परेशान रहते थे और उन्हें भी पुलिस के चक्कर काटने पड़ते थे। पिछले दिनों की बात तो आपको याद ही होगी, जब देहरादून में ऐसे 12 स्टंटबाजों को दून की ट्रैफिक पुलिस ने चिन्हित किया था। उनमें एक नाम अगस्त्य का भी था।

हालांकि अगस्त्य के पिता चाहते थे कि उन्हें दुबई भेज दिया जाए और इस योजना की वे तैयारी ही कर रहे थे। पुलिस को भी उसके पिता ने ये बात बोली थी। किंतु कहते हैं न कि होनी को कौन टाल सकता है। इससे पहले ही अगस्त्य ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया और अपने परिजनों को दु:खों का ऐसा पहाड़ दे दिया, जो शायद ही कभी कम हो सके।

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बताया जाता है कि अगस्त्य के पिता एक बड़े बिजनेसमैन हैं। यही कारण रहा कि अगस्त्य को बचपन से ही कभी किसी चीज की कमी महसूस नहीं हो पाई और उसका शौक निरंतर बढता ही चला गया।

अगस्त्य का ‘प्रो राइडर 1000 अगस्त्य चौहान’ नाम से यूट्यूब चैनल है। जिसके 1.21 मिलियन फॉलोअर हैं। वह अपने इसी चैनल पर तरह-तरह के वीडियो अपलोड करता था, जिससे अच्छी कमाई भी हो रही थी।

उपरोक्त बातें किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं लगती। आमतौर पर एक सामान्य बाइक राइडर की स्पीड 50 से 60 किमी./प्रति घंटा हो सकती है, लेकिन अगस्त्य की स्पीड तो सामान्य से कई गुना अधिक थी। देहरादून की तंग गलियों से लेकर खुली सड़कों और यहां तक कि ट्रैफिक वाली सड़कों पर भी ऐसे बाइक रेसर अक्सर मिल जाते हैं। उनकी बाइक बीच से सूं… ऐसे निकलती है कि आस-पास वाले वाहन चालक हड़बड़ा जाते हैं। कई बार वे भी अकारण दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। इस पर नियंत्रण के लिए उत्तराखंड पुलिस अपने स्तर से भरसक प्रयास कर रही है, किंतु जब तक इस तरह की गतिविधियों पर नकेल न कसी जाए, तब तक पुलिस के प्रयास भी मानो अधूरे ही हैं।

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बहरहाल, उम्मीद की जानी चाहिए कि उपरोक्त दर्दनाक हादसे की खबर पढकर बाइस रेसर विशेषकर युवा वर्ग जरूर सबक लेगा और वे अपने परिजनों को अगस्त्य जैसा दुख कभी नहीं देने की शपथ लेंगे!

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