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अंजी खड्ड ब्रिज (Anji Khad Bridge): भारतीय रेलवे ने देश में पहला केबल आधारित रेल पुल तैयार किया, अगले महीने होगी लॉन्चिंग

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अंजी खड्ड ब्रिज (Anji Khad Bridge): भारतीय रेलवे ने देश में पहला केबल आधारित रेल पुल तैयार किया, अगले महीने होगी लॉन्चिंग

मुख्यधारा डेस्क

भारतीय रेलवे ने देश का पहला केबल आधारित रेल पुल तैयार कर लिया है। इस रेल पुल को अंजी खड्ड ब्रिज नाम दिया गया है।

यह जम्‍मू-कश्‍मीर में ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना के सबसे महत्‍वपूर्ण भागों में से एक है। यह एक सेंट्रल पायलन की धुरी पर संतुलित एक असममित केबल आधारित पुल है, जो हिमालय के दुर्गम पहाड़ी इलाकों में बनाया जा रहा है।

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अंजी खड्ड ब्रिज उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना के सबसे महत्वपूर्ण भागों में शामिल हैं। इसके सुपर स्ट्रक्चर की लांचिंग मई में पूरी करने का दावा किया जा रहा है।

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केबल आधारित पुल को सभी तकनीकी बाधाओं के बावजूद 11 महीनों के रिकॉर्ड समय में 26 अप्रैल को सभी 96 केबलों को जोड़ा गया। अंजी खड ब्रिज भारतीय रेलवे द्वारा शुरू की गई सबसे कठिन परियोजनाओं में से एक है।

यह पुल जम्मू-बारामूला लाइन के कटरा और रियासी खंड को जोड़ता है।इस पुल की कुल लंबाई 725 मीटर है, जिसमें 473 मीटर लंबा असममित केबल आधारित पुल शामिल है, जो नींव के शीर्ष से 193 मीटर की ऊंचाई वाले सेंट्रल पायलन की धुरी पर संतुलित है और जो नदी के तल से 331 मीटर की ऊंचाई पर स्‍थित है। इस केबल आधारित पुल में उत्तरी छोर (कटरा की ओर) पर 290 मीटर का स्‍पैन और दक्षिणी छोर (रियासी की ओर) पर 183 मीटर का स्‍पैन है। इस पुल पर इकहरी लाइन का रेलपथ है और 3.75 मीटर चौड़ी सर्विस रोड है।

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यह पुल जम्मू शहर से सड़क मार्ग से लगभग 80 किमी दूर है। यह हिमालय के सुरम्य पहाड़ों में स्थित है। जटिल, नाजुक और चुनौतीपूर्ण भूगर्भीय विशेषताओं के कारण, आईआईटी, रुड़की और आईआईटी, दिल्ली द्वारा साइट की विशिष्ट जांच की गई है।

उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना के कटरा-बनिहाल खंड पर केबल-स्टे ब्रिज सुरंग T2 और T3 को जोड़ता है। पुल की जटिल भौगोलिक स्थिति के कारण यह काफी मजबूती से बनाया गया है। यह 213 किमी प्रति घंटे की हवा का सामना कर सकता है। केबल ब्रिज उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना की राष्ट्रीय परियोजना का एक हिस्सा है।

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इसमें 96 केबल का सपोर्ट है, जो इसे देश का सबसे लंबा केबल-स्टे ब्रिज बनाता है। एक बार पूरा होने पर पुल पर ट्रेनें 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेंगी।

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