सोशल मीडिया पर एक महिला का फोटो आजकल जमकर वायरल हो रही है, जिसमें दिखाया जा रहा है कि एक बहू अपने बीमार ससुर को अपने कंधों पर उठाकर अस्पताल लेकर जा रही है।
यह तस्वीर गढ़वाल के किसी क्षेत्र की बतायी जा रही है। ऐसी महिलाएं, उन बहुओं के लिए एक प्रेरणास्रोत हैं, जो अपने सास ससुर को वृद्ध आश्रम में छोड़ देती हैं और स्वयं सिंगल परिवार में जीना पसंद करती हैं। यह तस्वीर आज की युवा पीढ़ी के लिए भी बेहद प्रेरणा देने का काम करेगी।
बताते चलें कि उत्तराखंड के अधिकांश पहाड़ी इलाके युवाओं के पलायन कर जाने व ऐसे स्थान सड़कविहीन होने के कारण वहां विषम परिस्थितियों में मरीजों को कंधे पर लादकर अस्पतालों तक पहुंचाना पड़ता है। इनकी जिंदगी भगवान भरोसे होती है। यदि समय पर हॉस्पिटल पहुंच सकें तो जान बच सकती है और यदि किस्मत ने साथ नहीं दिया तो जान से हाथ भी धोना पड़ सकता है।
हालांकि काफी लंबे शोर-शराबे के बाद अभी हाल ही में उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित हो चुकी है। अब यदि सरकारी तंत्र द्वारा गैरसैंण से नियम-कायदे, कानून व रणनीतियां बनेंगी तो जाहिर है कि पहाड़ी इलाकों की दुरूह स्थिति के बारे में भी सोचा जाएगा। अब देखना यह होगा कि मरीजों को कंधे पर लादकर हॉस्पिटल पहुंचाने वाले क्षेत्रों के वाशिंदों की समस्याओं पर सरकार का ध्यान कब तक जा पाता है!