दिल्ली विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल्स से भाजपा खुश, सत्तारूढ़ आप मायूस, नतीजों से पहले सभी के सरकार बनाने के दावे
मुख्यधारा डेस्क
आज 6 फरवरी दिन गुरुवार है। दो दिन बाद 8 फरवरी शनिवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे। चुनाव नतीजे से पहले राजधानी में भाजपा और आम आदमी पार्टी ने अपने-अपने रणनीतिकारों के साथ बैठक शुरू कर दी हैं । इस बार दिल्ली का सिंहासन पर कौन विराजमान होगा इसका फैसला 2 दिन बाद हुआ लेकिन उससे पहले आए एग्जिट पोल नतीजों ने भाजपा को खुश कर दिया है।
दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर वोटिंग खत्म होने के बाद विभिन्न चैनल्स और रिसर्च संस्थाओं ने एग्जिट पोल जारी किए हैं। ज्यादातर एग्जिट पोल्स में बीजेपी की वापसी का अनुमान जताया गया है। दो एग्जिट पोल्स में आम आदमी पार्टी की सरकार बनती नजर आ रही है। मैट्रिज के एग्जिट पोल में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच कांटे का अनुमान जताया गया है। वोटिंग के बाद आए एग्जिट पोल्स में सत्तारूढ़ आप पार्टी के लिए मायूसी वाली खबर है।
वहीं अगर एग्जिट पोल्स का अनुमान सच साबित हुए तो 27 साल बाद बीजेपी दिल्ली में सत्ता में वापसी करती दिख रही है। एग्जिट पोल को लेकर बीजेपी के नेता गदगद नजर आ रहे हैं। मैट्रिज के एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को 32-37 सीटें मिलने का अनुमान है। इसके अलावा बीजेपी को 35-40 सीटें और कांग्रेस पार्टी को 0 -1 सीटें प्राप्त हो सकती हैं। People’s Pulse एग्जिट पोल के अनुसार, बीजेपी को 51-60, आम आदमी पार्टी को 10-19 और कांग्रेस को शून्य सीटें मिलने का अनुमान जताया है।
Poll Diary के अनुसार, आम आदमी पार्टी को 18 – 25, कांग्रेस को 42 – 50 और कांग्रेस को 0 -2 सीटें मिलने का अनुमान है। पी-मार्क एग्जिट पोल के अनुसार, दिल्ली की 70 सीटों में से भाजपा को 39-49 सीटें, आप को 21-31 सीटें और कांग्रेस को 00-01 सीटें मिलने की संभावना है। टाइम्स नाउ नवभारत-जेवीसी एग्जिट पोल में बीजेपी को 39-45 सीटें, आप को 22-31 सीटें, कांग्रेस को 0-2 सीटें और अन्य को 0-1 सीटें मिलने का अनुमान है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि केजरीवाल अपनी मासूम अभिनय शैली से अच्छे अभिनेताओं को हरा सकते हैं। केंद्रीय मंत्री शांडिल्य गिरिराज सिंह ने एग्जिट पोल पूर्वानुमानों पर कहा कि केजरीवाल जी पहले ही चुनाव हार चुके हैं, और यह सिर्फ उनकी हार नहीं है, बल्कि उनके झूठ, धोखे और भ्रष्टाचार की हार है। केजरीवाल जी, राजनीति में आपकी जगह खत्म हो गई है।
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उन्होंने कहा कि यदि आप सिनेमा में जाते हैं, तो आप अपनी मासूम अभिनय शैली से अच्छे अभिनेताओं को हरा सकते हैं। केजरीवाल ने दिल्ली के गरीब लोगों को धोखा दिया है। ग्रेटर कैलाश विधानसभा से आप उम्मीदवार सौरभ भारद्वाज का कहना है कि हमने दिल्ली के तीन चुनाव लड़े हैं और यह चौथा विधानसभा चुनाव है जो हम लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2013, 2015 के एग्जिट पोल से पता चला था कि हम हार जाएंगे और 2020 के एग्जिट पोल में दिखाया गया कि हमें कम नंबर मिलेंगे। इसी तरह, 2025 में भी दिखाया जा रहा है कि हमें कम सीटें मिलेंगी। दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, मुझे लगता है कि एग्जिट पोल ने हमेशा दिखाया है कि आप को कम वोट मिलेंगे। बीजेपी हमेशा आम लोगों की आवाज को दबाती है ताकि वे डर के मारे बोल न सकें, आप का वोट शेयर हमेशा एग्जिट पोल में दिखाए गए वोट से ज्यादा आता है।
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बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि मुझे लगता है कि हमारा रिजल्ट एग्जिट पोल से बेहतर होने जा रहा है। लोगों के बीच जो प्रतिक्रिया हमने देखी है उससे भाजपा सत्ता में आ रही है। यह भाजपा की घर वापसी है। आम आदमी पार्टी के नेता सुशील गुप्ता- ये हमारा चौथा चुनाव है और हर बार एग्जिट पोल में आप की सरकार बनते हुए नहीं दिखाई गई। अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों के लिए काम किया है। 8 फरवरी को नतीजे आप के पक्ष में आएंगे। वहीं कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला- जो लोग कहते थे कि कांग्रेस जमीन पर मौजूद नहीं है, वे कांग्रेस को अच्छी संख्या में सीटें जीतते देखेंगे। आप वापस नहीं आएगी। किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलेगा। तीनों पार्टियों को बराबर सीटें मिलेंगी। दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 फरवरी को आएंगे। दिल्ली में सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 36 है।
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दिल्ली विधानसभा चुनाव में कुल 699 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जिनमें से 603 पुरुष और 96 महिला उम्मीदवार हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में कुल 672 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने अलग-अलग चुनाव लड़ा है। दोनों ने सभी 70 सीटों पर प्रत्याशी उतारे। वहीं, भाजपा ने एक-एक सीट जेडीयू और लोजपा (रामविलास) को दी। दिल्ली में मुख्य रूप से भाजपा, ‘आप’ और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। बता दें कि दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों के लिए 60.44% वोटिंग हुई। नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में सबसे ज्यादा 66.25%, जबकि साउथ-ईस्ट में सबसे कम 56.31% मतदान हुआ। यह भाजपा सांसद मनोज तिवारी का संसदीय क्षेत्र है। पिछले 12 सालों में यह सबसे कम वोटिंग है। इसके अलावा दो लोकसभा सीटों पर उपचुनाव भी हुए। यूपी की मिल्कीपुर लोकसभा सीट पर 65.35% और तमिलनाडु की इरोड ईस्ट सीट पर 67.97% वोटिंग हुई।
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