ब्रेकिंग : उत्तराखंड (Uttarakhand) विधानसभा में बैकडोर से नौकरी पाने वालों को सुप्रीम कोर्ट से लगा करारा झटका, याचिका निरस्त
देहरादून/मुख्यधारा
उत्तराखंड विधानसभा में बैक डोर से भर्ती होने वालों को सुप्रीम कोर्ट से भी करारा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने नैनीताल हाई कोर्ट की डबल बेंच के फैसले को यथावत रखते हुए तदर्थ कर्मियों की याचिका को खारिज कर दिया।
बताते चलें कि उत्तराखंड विधानसभा में वर्ष 2016 के बाद की बैकडोर से हुई भर्तियों को निरस्त कर दिया गया था। जिसके बाद नौकरी से हटाए गए अभ्यर्थी नैनीताल हाई कोर्ट की डबल बेंच ने सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था। जिसको लेकर अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, जहां इन्होंने याचिका दायर की। जिस पर सुनवाई के बाद आज 228 तदर्थ कर्मियों को सुप्रीम कोर्ट से भी तगड़ा झटका लगा है।
इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने कहना है कि उन्होंने पदार्थ कर्मियों की मामले में पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर कोई निर्णय नहीं लिया था। वह तो सिर्फ न्याय के सिद्धांत पर काम कर रही थी। उन्होंने कहा कि कोटिया कमेटी के रिपोर्ट के आधार पर ही उनके द्वारा फैसला लिया गया था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को न्याय की जीत बताया।
बताते चलें कि कांग्रेस सरकार के दौरान विधानसभा अध्यक्ष रहे गोविंद सिंह कुंजवाल एवं भाजपा सरकार में अध्यक्ष रहे प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल में वर्ष 2016 से लेकर 2021 के बीच इन तदर्थ कर्मियों की विधानसभा में नियुक्ति हुई थी।
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