बजट सत्र आज से, पहले दिन मोदी सरकार आर्थिक सर्वे रिपोर्ट पेश करेगी, जानिए क्या होता है इकोनॉमिक सर्वे
मुख्यधारा डेस्क
आज से संसद का बजट सत्र शुरू हो रहा है। यह 12 अगस्त को समाप्त होगा। इस दौरान 19 बैठकें होंगी। इस सत्र में सरकार की ओर से छह विधेयक पेश किए जाने की उम्मीद है, जिनमें 90 साल पुराने विमान अधिनियम को बदलने वाला विधेयक भी शामिल है। इस सत्र में जम्मू-कश्मीर के बजट के लिए संसद की मंजूरी भी मिलेगी। पहले दिन केंद्र सरकार आर्थिक सर्वे रिपोर्ट पेश करेगी। बजट से पहले इकोनॉमिक सर्वे पेश करने की परंपरा रही है। इस सर्वे को सरकार के रिपोर्ट कार्ड के रूप में देखा जाता है।
इस रिपोर्ट में पिछले एक साल के कामकाज की समीक्षा की जाती है। इसके तहत आगे की प्लान को तैयारी की जाती है। मंगलवार को आम बजट और रेल बजट पेश किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर विपक्ष भी तमाम मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरने ने के लिए पूरी तरह से तैयार है। अब संसद में कुछ दिनों तक हंगामा और नोंकझोंक देखी जा सकती है। सोमवार को सदन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इकोनॉमिक सर्वे पेश करेंगी। हर साल बजट से पहले इकोनॉमिक सर्वे पेश होता है। इसमें देश के आर्थिक विकास का लेखा-जोखा होता है।
इकोनॉमिक सर्वे से बीते वित्त वर्ष के रोजगार, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) मुद्रास्फीति और बजट घाटे के बारे में जानकारी मिलती है। यह भी पता चलता है कि देश को किन क्षेत्रों में फायदा और नुकसान हुआ है। वहीं बजट सत्र के सुचारू संचालन के लिए रविवार को सरकार की ओर से सर्वदलीय बैठक बुलाई गई।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सरकार की ओर से राज्यसभा में पार्टी के नेता जेपी नड्डा, संसदीय कार्यमंत्री किरण रिजिजू व कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल सहित 44 दलों के 55 नेता शामिल हुए। इस बैठक में कांग्रेस ने लोकसभा के डिप्टी स्पीकर का पद मांगा है। साथ ही कहा कि नीट मामले में लोकसभा में चर्चा हो। जेडीयू ने बिहार और वाईएसआर कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने की मांग की है।
बता दें कि विपक्ष और सरकार के बीच कुछ मुद्दों को लेकर हमेशा टकराव की स्थिति बनी रहती है, इसलिए संसद में हंगामा होता है और सत्र ठीक से नहीं चल पाता। संसद की कार्यवाही में बाधा न पहुंचे और उससे पहले कई मुद्दों पर आम राय बन जाए, इसके लिए संसद सत्र की शुरुआत से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई जाती है।
दूसरी ओर कल मंगलवार को लगातार सातवीं बार आम बजट पेशकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इतिहास रचेंगी। वह लगातार छह बजट पेश करने के मोरारजी देसाई के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ देंगी। देसाई 1959 से 1964 तक वित्त मंत्री थे और लगातार छह बजट पेश किया था। इनमें से पांच पूर्ण और एक अंतरिम बजट शामिल था। पिछले कुछ बजट की तरह ही 2024 का बजट भी पेपरलेस होगा।
आम चुनाव की वजह से इस साल 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया गया था।