हल्द्वानी/मुख्यधारा
कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों…
इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है उत्तराखंड हल्द्वानी के हिमांशु पांडे (himanshu pandey) ने।
हिमांशु (himanshu pandey) ने लोक सेवा आयोग की संयुक्त राक्षा सेवा परीक्षा (सीडीएस) में देशभर में टॉप किया है। अब उनका चयन भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून (आईएमए) के लिए हो गया है।
हिमांशु (himanshu pandey) बचपन से ही होनहार छात्र थे। जब वे 12वीं में पढ़ रहे थे, तब उन्होंने पहली बार सीडीएस परीक्षा 2017 में दी थी। हालांकि तब सफलता नहीं मिल पाई। इसके बाद भी उन्होंने यह परीक्षा दी, किंतु सफल नहीं हो पाए, किंतु हिमांशु ने हिम्मत नहीं हारी और कठिन मेहनत करने लगे। इसका परिणाम आज आप सभी के सामने है।
हिमांशु (himanshu pandey) ने इस बार सीडीएस परीक्षा में देशभर में पहला स्थान प्राप्त किया है। इससे उनके परिवार सहित हल्द्वानी शहर में खुशी की लहर है।
बताते चलें कि हिमांशु पांडे (himanshu pandey) हल्द्वानी के पूरनपुर कुमटिया लामाचौड़ के रहने वाले हैं। हिमांशु के पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में जानकर भी आपको हैरानी हो सकती है कि वह कोई ऐसे घराने से नहीं है, जिसमें सीडीएस जैसी नामी परीक्षा की तैयारी आसानी से की जा सके। हिमांशु के पिताजी कमल पांडे एक प्राइवेट कंपनी में ड्राइवर का काम करते हैं, जबकि उनकी माताजी दीपिका पांडे हाउस वाइफ हैं।
हिमांशु (himanshu pandey) ने 12वीं तक हल्द्वानी के एबीएम स्कूल से की। 12वीं में उन्होंने 95% अंक हासिल। इसके बाद स्व. विपिन चंद्र त्रिपाठी इंजीनियरिंग कॉलेज द्वाराहाट अल्मोड़ा से बीटेक किया। हिमांशु इंजीनियरिंग करने के साथ-साथ सेना में जाने की तैयारी भी कर रहे रहे। जिसमें उन्हें ऐसी सफलता मिली कि आज वे युवाओं के प्रेरणा स्रोत बन गए हैं।
शनिवार को जैसे ही इस परीक्षा का परिणाम और हिमांशु के टॉप करने की बात परिजनों को पता चली तो उसके बाद उनके घर बधाई देने वालों का तांता लग गया। अब हर कोई अपने बच्चों को हिमांशु (himanshu pandey) से प्रेरणा लेने की सीख दे रहा है।