Chardham yatra 2023: कल खुलेंगे गंगोत्री यमुनोत्री धाम के कपाट, ऋषिकेश से सीएम धामी ने तीर्थ यात्रियों का पहला जत्था किया रवाना
देहरादून/मुख्यधारा
देवभूमि यानी उत्तराखंड में चारों धामों के कपाट खुलने को लेकर भक्ति का उल्लास छा गया है। 22 अप्रैल शनिवार से चार धाम यात्रा की शुरुआत हो गई है। इस बार चार धाम यात्रा के लिए उत्तराखंड की धामी सरकार ने विशेष तैयारी की है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पिछले कई दिनों से चार धाम यात्रा को सकुशल संचालन के लिए कई बैठक कर चुके हैं। उत्तराखंड में चार धाम यात्रा भारत में सबसे लोकप्रिय हिंदू तीर्थस्थलों में से एक है।
यह तीर्थ चार पवित्र स्थलों बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा है। इन पवित्र स्थलों के द्वार अगले सप्ताह शुरू हो जाएंगे। केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल और बद्रीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खुलेंगे, जबकि यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया से खुलेंगे।
मां गंगा के शीतकालीन पड़ाव व मायके मुखबा मुखीमठ से मां गंगा की डोली विदाई की तैयारियां तेज हो गई हैं।
शुक्रवार दोपहर डोली धाम के लिए रवाना हुई। 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया पर्व पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोले जाएंगे। श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष हरीश सेमवाल ने बताया कि मुखबा गांव से मां गंगा की डोली यात्रा दोपहर 12:15 बजे आर्मी के पाइप बैंड की धुन के साथ धाम के लिए रवाना हुई जो कि रात्रि में भैरोंघाटी स्थित भैरव मंदिर में रही।
यहां से सुबह शनिवार को गंगोत्री धाम पहुंची। जहां धाम के कपाट 12:35 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोले गए। गंगोत्री मंदिर को 11 क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया गया।
वहीं दूसरी ओर शुक्रवार सुबह नौ बजे भगवान केदारनाथ की पंचमुखी भोगमूर्ति चल विग्रह उत्सव डोली में विराजमान होकर पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से अपने धाम के लिए प्रस्थान किया। बड़ी संख्या में बाबा के जयकारे लगाते भक्त भी बाबा केदार की डोली के साथ केदारनाथ के लिए रवाना हुए। इस मौके पर श्रद्धालुओं में अपूर्व उत्साह दिखाई दिया।
बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा की डोली के प्रस्थान के समय मौजूद रहे। सेना की बैंड धुनों और भक्तों के जयकारों के बीच डोली पहले पड़ाव पर रात्रि प्रवास के लिए विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी।
25 अप्रैल को सुबह 6.10 बजे बाबा केदारनाथ के कपाट खुल जाएंगे। भगवान केदारनाथ की पंचमुखी भोगमूर्ति चल विग्रह उत्सव डोली 22 को फाटा, 23 को गौरीकुंड में रात्रि प्रवास करते हुए डोली 24 अप्रैल को अपने धाम पहुंचेगी। चारधाम यात्रा उत्तराखंड की महत्वपूर्ण यात्रा है।
चारधाम यात्रा में देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु धामों के दर्शन के लिए पहुंचे हैं। इस वर्ष 22 अप्रैल को अक्षय तृतीय पर्व पर गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुल रहे हैं। चारधाम यात्रा को लेकर इस वर्ष तीर्थयात्रियों में भारी उत्साह है। अब तक 15.80 लाख श्रद्धालु चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण करा चुके हैं।
मंगलवार को आईआरसीटीसी की ऑनलाइन वेबसाइट खुलते ही केदारनाथ का सफर हेलीकॉप्टर से तय करने वाले तीर्थ यात्रियों ने बुकिंग करवा लिए 1 से 7 मई तक सभी हेलीकॉप्टर की बुकिंग फुल हो गई है।
आज से चारधाम यात्रा का आगाज हो गया है। ऋषिकेश से चारधाम यात्रा कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तीर्थयात्रियों का पहले जत्थे को बसों से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की चारधाम यात्रा पूरी तरह से सुरक्षित है। सरकार तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इस बार सरकार की तरफ से चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के स्वागत में हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा करने का भी निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा हेतु आए सभी श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए कहा कि बाबा केदार, बद्रीविशाल, मां गंगोत्री और मां यमनोत्री से प्रार्थना करता हूँ कि विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी चारधाम यात्रा हर्षोल्लास एवम् धूमधाम से सकुशल संपन्न हो।
उन्होंने कहा हमें पूर्ण विश्वास है की इस वर्ष की चारधाम यात्रा अपने पिछले सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ेगी। राज्य सरकार सुरक्षित चारधाम यात्रा के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ हैं। सरकार द्वारा प्रत्येक स्तर पर चारधाम यात्रा संबंधी तैयारियों की निरंतर समीक्षा की जा रही है।
हमारा प्रयास रहेगा कि जो भी श्रद्धालु, यात्रा खत्म होने के उपरांत अपने घर लौटे वह देवभूमि उत्तराखंड में बिताए गए समय की स्वर्णिम यादों को साथ लेकर जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चार धाम यात्रा उत्तराखंड राज्य के लिए एक उत्सव है। उन्होंने कहा देश विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु उत्तराखंड आते हैं। इससे राज्य में रोजगार के कई अवसर पैदा होते हैं।
इस वर्ष अभी तक 16 लाख लोगों द्वारा यात्रा हेतु रजिस्ट्रेशन करवाया गया है। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि प्रत्येक श्रद्धालुओं की यात्रा शुभम सुरक्षित शत प्रतिशत हो।
2022 में यात्रा खत्म होते ही सरकार 2023 की यात्रा की तैयारियों में जुट गई थी। चार धाम आने वाले श्रद्धालुओं पर भगवान की विशेष कृपा होती है।
बता दें कि चारधाम यात्रा का पहला पड़ाव ऋषिकेश ही है। रोजाना हजारों की तादाद में तीर्थयात्री यहां से अपनी यात्रा की शुरुआत करते हैं।