देहरादून। 10 साल की नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म और
हत्या के दोषी को बुुुुधवार को न्यायालय ने मृत्युदंड (फांसी की सजा) सुनाई है।
सहसपुर के सभावाला स्थित इंजीनियरिंग काॅलेज में बीते वर्ष हुई घटना के दोषी पर कुल 45 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसमें 20 हजार रुपये पीड़ित पक्ष को दिए जाएंगे। जुर्माना नहीं चुकाने पर दोषी को दो महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। न्यायालय से अपराध पीड़ित सहायता कोष से भी पीड़िता के परिजनों को एक लाख रुपये मदद के तौर पर दिए जाने का आदेश दिया है।
बताते चलें कि गत बीते वर्ष जुलाई महीने में सहसपुर थाना क्षेत्रा स्थित इंजीनियरिंग काॅलेज परिसर के निर्माणाधीन हिस्से में हुई थी। कलेज परिसर में निर्माण के काम में लगे मजदूरों के परिवार वहां झोपड़ी बनाकर रह रहे थे। 28 जुलाई 2018 की सुबह एक मजदूर की 11 वर्षीय बेटी गायब हो गई। काफी खोजबीन के बाद बच्ची का शव काॅलेज के निर्माणाधीन हिस्से में ईंटों के नीचे कपड़े में संधारण हुआ पाया गया। पुलिस ने बच्ची का शव बरामद कर उससे दुष्कर्म और हत्या के आरोप में निर्माण के काम मे लगे मजदूर जयप्रकाश पुत्र रामजस तिवारी निवासी निमकपुर थाना कंबलगंज जिला फैजाबाद यूपी को गिरफ्तार किया था। आरोपी के खिलाफ जांच कर दो महीने के भीतर सहसपुर थाना पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की।
उक्त जानकारी देते हुए सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता भरत सिंह नेगी ने बताया कि सोमवार को स्पेशल जज पोक्सो रमा पाण्डेय की अदालत ने आरोपी जयप्रकाश को धारा 302, 201, 376, 377 और पोक्सो एक्ट के तहत दोषी करार दिया थी।
दुष्कर्म में आजीवन कारवास और 20 हजार रुपये जुर्माना, हत्या में मृत्युदंड और 20 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई गई है। साक्ष्य छिपाने के दोष में भी पांच वर्ष सजा और पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।