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अच्छी खबर: सहकारिता विभाग (Cooperation Department) ने सभी जनपदों के एआर कोऑपरेटिव को दिया प्रशिक्षण

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अच्छी खबर: सहकारिता विभाग (Cooperation Department) ने सभी जनपदों के एआर कोऑपरेटिव को दिया प्रशिक्षण

निबंधक कार्यालय मियांवाला में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

देहरादून/मुख्यधारा

सहकारिता विभाग उत्तराखंड के द्वारा मियांवाला निबंधक मुख्यालय सभागार में बुधवार को प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया प्रशिक्षण कार्यशाला देर शाम तक चली इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सभी जनपदों में एआर कोऑपरेटिव द्वारा प्रतिभाग किया गया।

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प्रशिक्षण कार्यक्रम चार पारियों में विभाजित किया गया था

प्रथम पारी में संयुक्त निबंधक एम पी त्रिपाठी  द्वारा जन औषधि केंद्र और सीएचसी केंद्र से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया साथ ही उत्तराखंड सहकारी संस्थागत ढांचा के संबंध में विस्तार से बताया गया और वर्तमान में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा तमाम विकास योजनाओं के संबंध में विस्तार पूर्वक एक प्रेजेंटेशन भी प्रस्तुत किया गया।

त्रिपाठी द्वारा बताया गया कि उत्तराखंड में सहकारिता के क्षेत्र को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार और विभाग के द्वारा क्या क्या कदम उठाए जा रहे हैं और भविष्य में कैसे यह क्षेत्र और भी सशक्त होगा।

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दूसरी पाली में अपर निबंधक  ईरा उप्रेती द्वारा वेयरहाउसेस और पैक्स कंप्यूटराइजेशन के संबंध में प्रशिक्षण दिया और वर्तमान में पैक्स समितियों के द्वारा क्या-क्या कार्य उत्तराखंड में किया जा रहा है।

तीसरी पारी में उप निबंधक रविन्दरी मंद्रवाल द्वारा सहकारिता विभाग में निर्वाचन प्रक्रिया के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया और अंतिम पारी में निबंधक महोदय आलोक पांडे द्वारा समस्त प्रतिभागियों को संबोधित किया गया। निबंधक महोदय आलोक पांडे द्वारा कहा गया कि प्रशिक्षण से संबंधित सभी जानकारियां प्रतिभागी समितियों के माध्यम से किसानों के साथ साझा करें। इसके साथ ही आलोक पांडे जी द्वारा कहा गया कि हमें आधुनिकता के साथ ही अब बदलना होगा और खेती में नवीन तकनीकी का उपयोग करना होगा। इस दौरान  राकेश कुमार श्रीवास्तव प्रबंधक इफको द्वारा नैनो खाद के बारे में सभी प्रतिभागियों को बताया गया नैनो खाद की उपयोगिता के संबंध में राकेश कुमार श्रीवास्तव द्वारा विस्तार से एक प्रस्तुतीकरण दिया गया।

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नैनो यूरिया क्या है

नैनो यूरिया किसानों के लिए स्मार्ट कृषि और जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने का एक स्थायी विकल्प है। ये उर्वरक के रूप में पौधों की नाइट्रोजन की आवश्यकता को पूरा करता है। क्योंकि नैनो यूरिया के कण का आकार लगभग 20-50 नैनो मीटर होता है। इससे इसका सतह क्षेत्र दानेदार यूरिया से 10 हजार गुना अधिक हो जाता है। इस कारण से नैनो यूरिया दानेदार यूरिया की तुलना में कम लगता है और अधिक प्रभावी होता है।

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क्यों उपयोगी है नैनो यूरिया

नैनो यूरिया नाइट्रोजन का स्रोत है। नाइट्रोजन पौधों में कार्बोहाइड्रेट्स , प्रोटीन के निर्माण एवं पौधे की वृद्धि के लिए उपयोगी है। सामान्यतया, एक स्वस्थ पौधे में नाइट्रोजन की मात्रा 1.5 से 4 फीसदी तक होती है। छिटकवां विधि में यूरिया पौधों की जड़ पर पड़ता है जबकि इसमें सीधे पत्तियों पर छिड़काव होगा। नैनो यूरिया का पत्तियों पर छिड़काव करने से नाइट्रोजन की आवश्यकता प्रभावी तरीके से पूरी होती है। इसके नैनो कणों के कारण इसकी अवशोषण क्षमता 80 प्रतिशत से भी अधिक पाई गई है, जो कि सामान्य यूरिया की तुलना में बहुत अधिक है।

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500 मि.ली. की एक बोतल सामान्य यूरिया के एक बैग के बराबर
बताना चाहेंगे कि यूरिया की एक पूरी बोरी की शक्ति अब आधी लीटर की बोतल में आ चुकी है, जिससे परिवहन और भंडारण में भी बहुत बचत हुई है। इफको नैनो यूरिया तरल की 500 मि.ली. की एक बोतल सामान्य यूरिया के कम से कम एक बैग के बराबर है। नैनो यूरिया प्रभावी रूप से फसल की नाइट्रोजन आवश्यकता को पूरा करता है। जिससे फसल अच्छी होती है। फसल उत्पादकता में वृद्धि और लागत में कमी करके किसानों की आय में वृद्धि करता है। उच्च दक्षता के कारण, यह पारंपरिक यूरिया की आवश्यकता को 50% या उससे अधिक तक कम कर सकता है। नैनो यूरिया तरल का आकार छोटा होने के कारण इसे पॉकेट में भी रखा जा सकता है, जिससे परिवहन और भंडारण लागत में भी काफी कमी आएगी।

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पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद

प्राकृतिक जैव विविधता बनाए रखने के लिए ही नैनो तरल यूरिया का अनुसंधान किया गया है। केमिकल फर्टिलाइजर भूमि में उपस्थित कुदरती खाद बनाने वाले केंचुओं को मार देता है। वहीं तरल यूरिया का छिड़काव भूमि को किसी भी प्रकार से विषाक्त नहीं करता। जिससे मिट्टी में पाए जाने वाले रोगाणुओं और अन्य जीवित जीवों जैसे केंचुओं पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है। यह तरल नैनो यूरिया मिट्टी, हवा और पानी की गुणवत्ता के संरक्षण में मदद करता है।

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