मुख्यधारा ब्यूरो
देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना का ग्राफ दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। अभी 5905 सेंपल की रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है। हालांकि सुखद यह है कि उत्तराखंड में अब तक 498 स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं। आज प्रदेश के विभिन्न जिलों से 38 लोगों की रिपोर्ट कोरोना पॉजीटिव आई है। इस प्रकार अब उत्तराखंड में कुल संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 1341 पर पहुंच गया है।
आज हरिद्वार जनपद से सर्वाधिक 14 मामले सामने आए हैं। इसके अलावा प्राइवेट लैब से सात लोगों की रिपोर्ट पॉजीटिव आई है। आज बागेश्वर जिले से छह लोगोंं की रिपोर्ट संक्रमित पाई गई, जबकि एक व्यक्ति की चंपावत से भी पॉजीटिव रिपोर्ट आई है। देहरादून से आज तीन लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई। इसके अलावा नैनीताल जनपद से दो लोगों में कोरोना पाया गया है। टिहरी गढ़़वाल से भी तीन लोगोंं में संक्रमण की पुष्टि हुई है। ऊधमसिंहनगर नगर में आज दो लोगों की रिपोर्ट संक्रमित आई है।
आज भी 75 लोग डिस्चार्ज हुए हैं। इस प्रकार अब प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में 824 एक्टिव मामलों के रूप में मरीज भर्ती हैं। अब तक प्रदेश में 13 संक्रमित लोगों की विभिन्न बीमारियों के चलते मौत हुई है। इसके अलावा 6 लोग प्रदेश से माइग्रेट होकर अन्य राज्यों में जा चुके हैं।
इसके अलावा अब तक 28945 सेंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई है। आज भी 1118 सेंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई है। अभी भी प्रदेश में 5905 सेंपल की रिपोर्ट आनी शेष है। यह इसलिए भी चिंताजनक है, क्योंकि जिन मरीजों के सेंपल जांच के लिए गए होंगे, उनके भीतर एक अजीब संशय या फिर बेचैनी बनी हुई है। ऐसे में इन वेटिंग सेंपल की रिपोर्ट जितनी जल्द आएगी, उतनी जल्द ये लोग भी चिंतामुक्त हो सकेंगे। आज 592 सेंपल जांच के लिए भेजे गए। प्रदेश में कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट 37.14 प्रतिशत है।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड लॉकडाउन के तीन चरणों के खत्म होने तक लगातार सेफ जोन में बना हुआ था। चौथे चरण शुरू होने के बाद जब शहरों के विभिन्न भागों से उत्तराखंडी प्रवासियों का आना शुरू हुआ तो उनके साथ-साथ कोरोना भी तेज गति से उत्तराखंड के सभी जिलों की चढ़ाई आसानी से चढ़ता गया।
एक समय था, जब पहाड़ी जिलों के लिए माना जा रहा था कि यहां कोरोना नहीं पहुंच पाएगा, लेकिन आज स्थिति इसकी ठीक उलट है। आज कोई भी जिला कोरोना के लिए सुरक्षित नहीं बचे हुए हैं। अभी केवल एक जिला ऊधमसिंहनगर ग्रीन जोन में शामिल है, जबकि अन्य ग्यारह जिले ऑरेंज जोन की श्रेणी में रखे गए हैं, जबकि नैनीताल जनपद काफी समय से रेड जोन में बना हुआ है।
देहरादून की स्थिति भी नैनीताल से अलग नहीं है। यहां भी मरीजों की संख्या देखते हुए आने वाला समय रेड जोन में आ सकता है। इसके लिए अब प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन ने शनिवार और रविवार को शहर के नगर निगम क्षेत्र को बंद रखने का निर्णय लिया है और यहां सघन सैनिटाइजेशन की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन अन्य जिलों के कस्बों में तो सैनिटाइजेशन का काम चल रहा है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी ग्राम प्रधान सेनिटाइजेशन की बाट जोह रहे हैं। अलबत्ता ग्रामसभाओं तक कुछ जरकीनें सेनिटाइज की जरूर पहुंची हैं।