सत्यपाल नेगी/रुद्रप्रयाग
एक ओर जहां वैश्विकल महामारी कोविड-19 में कोरोना योद्धाओं का चारों ओर सम्मान किया जा रहा है, हैलीकॉप्टर से उन पर पुष्प वर्षा की जा रही है, वहीं उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद में तैनात इन कोरोना योद्धाओं का वेतन रोककर उनका शोषण किया जा रहा है। फलस्वरूप उनके सम्मुख परिवार का भरण पोषण करने का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि कोरोना वारियर्स का यह कैसे सम्मान किया जा रहा है?
जी हां! रुद्रप्रयाग जनपद में वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते सजग होकर ड्यूटी दे रहे पैरामेडिकल कर्मियों को पूरा वेतन न मिल पाने पर पैरामेडिकल कर्मियों ने कोविड सेंटर में कार्य बहिष्कार कर दिया है।
कोविड केयर सेंटर कोटेश्वर रुद्रप्रयाग में कार्य कर रहे पैरामेडिकल कर्मियों ने बीते चार माह से पूरा वेतन न मिलने पर कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि उन्हें चार माह का वेतन नहीं दिया गया तो वे संपूर्ण कार्य बहिष्कार को विवश होंगे, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
पैरामेडिकल कर्मियों ने बताया कि उन्हें मुख्य चिकित्सा अधिकारी रुद्रप्रयाग द्वारा एक अनुबंधित कंपनी के माध्यम से कोविड सेंटर में बतौर पैरामेडिकल कर्मियों के तौर पर तैनात किया गया है, लेकिन उन्हें बीते जुलाई माह का वेतन तो दिया गया, लेकिन उस वेतन में से 47 प्रतिशत की कटौती की गई। यही नहीं उन्हें पिछले चार माह से वेतन ही नहीं दिया गया और केवल एक माह का ही वेतन दिया गया है, जिसमें से भी कटौती कर दी गई है। इससे कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है।
कर्मचारियों का कहना है कि वेतन न मिलने से उनके सम्मुख परिवार के सम्मुख भरण-पोषण का संकट खड़ा हो गया है।
बहरहाल, अब देखना यह है कि अपनी जान की परवाह न करते हुए फ्रंट फुट पर काम करने वाले इन कोरोना योद्धाओं की सुध विभाग कब तक ले पाता है!