दूसरे राज्यों के लिए रोल मॉडल बन रहे मुख्यमंत्री Pushkar Dhami के फैसले : मनवीर चौहान - Mukhyadhara

दूसरे राज्यों के लिए रोल मॉडल बन रहे मुख्यमंत्री Pushkar Dhami के फैसले : मनवीर चौहान

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दूसरे राज्यों के लिए रोल मॉडल बन रहे मुख्यमंत्री पुष्कर धामी (Pushkar Dhami) के फैसले : मनवीर चौहान

नीरज उत्तराखंडी/बड़कोट

भाजपा प्रदेश के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि धामी सरकार के ऐतिहासिक निर्णय को देशभर में सराहे जा रहे है, और देश के अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बन रहे हैं जो कि गर्व का विषय है।

उत्तरकाशी के बड़कोट में पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि नकल करने या करवाने की मंशा रखने वालों पर नकेल कसने के लिए हमारी सरकार देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लेकर आई है जो युवाओं की उम्मीदों और मेहनत के लिए रक्षा कवच का काम कर रहा है।

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चौहान ने कहा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भाजपा सरकार जन भावनाओं के अनुरूप जबरन धर्मांतरण महिला आरक्षण एवं नकल निरोधक ऐतिहासिक व साहसिक कानून लेकर आई है जिन्हें गुजरात मध्य प्रदेश समेत अनेक प्रदेशों सरकारों द्वारा अपने अपने यहां अमल में लाया जा रहा है।

सरकार की प्राथमिकता है कि पारदर्शी व भ्रष्टाचारविहीन भर्ती प्रक्रिया से युवाओं को शीघ्र अधिक से अधिक रोजगार के अवसर मुहैया कराना है। अब तक जितनी भी भर्ती प्रक्रियाओं में गड़बड़ी या नकल की बात सामने आई मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर ऐतिहासिक व सख्त कार्यवाही के साथ रिकॉर्ड गिरफ्तारियां हुई। इसके अतिरिक्त सरकार अपने वादों के अनुरूप लगातार भर्ती कैलेंडरों के अनुशार प्रदेश में रिक्त सभी पदों पर युवाओं को रोजगार देने की दिशा में भी जुटी है।

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भर्ती प्रकरणों में जांच के बाद अक्सर सामने आया है, गिरफ्तार आरोपियों को जमानत मिलना और नकल की मंशा रखने वालों में खौफ पैदा करने वाले कानून मे कमी रही है। यही वजह है कि भ्रष्टाचार पर ज़ीरो टॉलरेंस की प्रतिबद्धता व जनभावनाओं के अनुसार भाजपा सरकार देश का सबसे सख्त नकल निरोधक कानून लेकर आई है। जिसमें नकल कराने वालों को न्यूनतम 10 वर्ष से लेकर अधिकतम आजीवन कारावास के साथ नकल करने वालों को 3 से 7 वर्ष की सजा का प्रावधान किया गया है।  कांग्रेस पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच की मांग को लेकर आज ऐसे लोग प्रदेश के युवाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे है । एक तरफ दिल्ली में बैठे उनके शीर्ष नेता जिस सीबीआई-ईडी की प्रत्येक जांच का विरोध करते हैं और यहां राज्य में उनके स्थानीय नेता उसी सीबीआई से जांच की मांग पर युवाओं को भड़काते हैं।

सरकार की प्राथमिकता भ्रष्टाचार पर कार्यवाही करते हुए रोजगार प्रक्रिया तेज कर युवाओं के साथ न्याय करना है। वहीं कांग्रेस की प्राथमिकता सीबीआई जांच की मांग के चलते भर्ती प्रक्रियाओं को लंबित करना और बेरोजगारों को नौकरी से दूर रख मुद्दे का राजनैतिक लाभ लेना।

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उन्होंने कहा कि किसी भी तरह के लाठीचार्ज या कानून व्यवस्था में दिक्कत का कोई भी पक्षधर नहीं हो सकता है। लेकिन अगर ऐसा हुआ है तो उसके कारणों, परिस्थितियों और दोषियों की पहचान और उन्हें सजा दिलाना भी आवश्यक है। इसी वजह से मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर गढ़वाल कमिश्नर की निगरानी में मजिस्ट्रेट जांच इस पूरे प्रकरण की हो रही है सरकार और संगठन दोनों का रुख इस सारे मामले पर एकदम स्पष्ट है युवाओं के भविष्य के साथ किसी भी तरह के खिलवाड़ या राजनीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

कांग्रेस युवाओं की आड़ में राजनीति कर रही है और उसे अतीत मे झांकने की जरूरत है। जब आंदोलनकारी बीएड प्रशिक्षितों, शिक्षा मित्रों व आंगनबाड़ी भोजन माताओं को आपकी सरकार ने सड़कों पर बुरी तरह से पीटा और तब तो उनकी तरफ से कोई पथराव भी नही किया गया था।

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कांग्रेस नकल कानून के उल्लंघन के चलते उत्तरकाशी में दर्ज हुए पहले मुकद्दमे पर भ्रम फैला रही है। जबकि यह कानून ईमानदार व लगनशील युवाओं का संरक्षण करता है और परीक्षा खामियों की शिकायत तय प्रक्रिया अनुशार करने में किसी भी तरह की बाधा नही है। एजेंडा बेस प्रोपेगैंडा चलाने की इजाजत किसी भी सभ्य समाज का कानून नही देता है। लिहाज़ा अधूरे ज्ञान आधारित बयानबाजियां या राजनैतिक प्रोपेगैंडा आधारित सोशल मीडिया कैम्पेन चलाने से परहेज करने की भी उन्हें जरूरत है।

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